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04 June 2019

केरल में फिर ‘निपाह वायरस’ ने दी दस्तक, स्वास्थ्य मंत्री ने की पुष्टि, जानें इसके बारे में

केरल में एक बार फिर निपाह वायरस को लेकर लोगों में दहशत का माहौल है। इस बीच केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने निपाह वायरस के एक पॉजिटिव केस की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि कोच्चि के एर्नाकुलम में निपाह वायरस का एक पॉजिटिव केस मिला है। 23 साल के एक छात्र को निपाह वायरस के शक में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।

स्वास्थ्य मंत्री ने सोशल मीडिया यूजरों से बीमारी को लेकर लोगों में दहशत नहीं फैलाने की अपील भी की है। उन्होंने कहा कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। स्वास्थ्य विभाग हर तरह की परिस्थिति को संभालने के लिए तैयार है। हमारे पास आवश्यकता की सभी दवाइयों का संग्रह है। वहीं, मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा कि हालात पर नजदीकी नजर रखी जा रही है और ऐहतियाती उपाय किए जा रहे हैं।

इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री ने कोच्चि में स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा कि छात्र के खून के सैंपल को जांच के लिए अलपूझा स्थित राज्य विषाणु विज्ञान एवं संक्रामक रोग संस्थान भेजा गया था, जहां निपाह से मिलते-जुलते वायरस से पीडि़त होने की पुष्टि हुई थी। आगे की जांच के लिए सैंपल को पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजा गया है।

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86 लोगों को चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया

इस बीमारी से निपटने के लिए एर्नाकुलम मेडिकल कॉलेज में अलग से वॉर्ड बना दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि छात्र के परिजनों के साथ ही उसके संपर्क में आने वाले 86 लोगों को भी चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है।

क्या है निपाह?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, निपाह वायरस एक नई उभरती बीमारी है। इसे 'निपाह वायरस एन्सेफलाइटिस' भी कहा जाता है। यह एक तरह का दिमागी बुखार है, जिसका संक्रमण तेजी से फैलता है। संक्रमण होने के 48 घंटे के भीतर यह व्यक्ति को कोमा में पहुंचा देता है। इसकी जद में जो भी व्यक्ति आता है, उसे सांस लेने में दिक्कत के साथ सिर में भयानक दर्द और तेज बुखार होता है।

मलेशिया में हुई थी इस वायरस की पहचान

कहा जाता है कि इस वायरस की पहचान 1998 में सबसे पहले मलेशिया में हुई थी। उस वक्त इस बीमारी की चपेट में 250 से अधिक लोग आए थे। 40 फीसदी से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।

वहीं भारत में सबसे पहले सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल में 2001 में ये मामला सामने आया था। इसके बाद दोबारा 2007 में पाया गया। जबकि पिछले साल ये वायरस केरल के चार जिलों -कोझिकोड, मल्लपुरम, कन्नूर और वायनाड में पाया गया था। इस दौरान मई में निपाह संक्रमण से 17 लोगों की मौत हुई थी।

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TAGS: Kerala Health Minister KK Shailaja, confirms a positive case, Nipah virus, history of nipah virus, निपाह वायरस, निपाह वायरस क्या है, इतिहास, पहला मामला
OUTLOOK 04 June, 2019
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