Advertisement
01 January 1970

सीएम योगी आदित्यनाथ बोले, देश व धर्म की रक्षा के लिए प्रेरणापुंज है सिख गुरुओं का बलिदान

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश और धर्म की रक्षा के लिए सर्वस्व अर्पित करने वाले सिख पंथ को समाज के लिए महान प्रेरणा बताया है। उन्होंने कहा है कि गुरुनानक देव ने जिस विशुद्ध भक्ति धारा को प्रवाहित किया था, जब भी देश, समाज और धर्म को जरूरत पड़ी, तो इसे क्रांति पुंज बनने में देर नहीं लगी। सिख गुरुओं का त्याग और बलिदान हमें अपने धर्म, अपनी संस्कृति, परंपरा तथा राष्ट्र की अखंडता को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए प्रेरित करता है। 9वें सिख गुरु तेग बहादुर जी के 401वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में सिख गुरुओं के प्रति अपने श्रद्धाभाव को प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने सिख समाज के त्याग, बलिदान की परंपरा, धर्म के प्रति समर्पण और समाज के प्रति सेवाभाव को भी नमन किया।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के सानिध्य में गुरु तेग बहादुर जी के 401वें प्रकाश पर्व के आयोजन पर सभी को बधाई देते हुए सीएम ने सिख परंपरा को इतिहास में उचित स्थान न मिलने पर रोष भी जताया। उन्होंने कहा कि आज हम मंगल ग्रह तक पहुंच रहे हैं। इंटरनेट ऑफ थिंग्स की बात हो रही है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ दुनिया काफी आगे बढ़ गई है, लेकिन हमें अपने इतिहास को भी याद रखना होगा, क्योंकि इतिहास को भुलाकर कोई समाज कभी आगे नहीं बढ़ सकता। सीएम ने कहा कि सिख गुरुओं का इतिहास भारत की गौरवशाली विजयगाथा का स्मरण कराता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम लोग श्रीकाशी विश्वनाथ का दर्शन करते हैं, तो मंदिर को स्वर्णमंडित करने वाले महाराजा रणजीत सिंह का स्मरण भी होता है। महाराजा रणजीत सिंह, उनके वंशजों अथवा किसी सिख भाई ने कभी यह दावा नहीं किया कि हमने इस मंदिर को स्वर्णमंडित किया है। यह कृतज्ञतापूर्ण भाव प्रेरणास्पद है।

क्या ननकाना साहिब में हो सकते हैं ऐसे आयोजन!

Advertisement

राजभवन परिसर में गुरुबानी पाठ से हुए आध्यात्मिक माहौल के बीच मुख्यमंत्री ने सभी पराधीनता काल की विपरीत परिस्थितियों की याद भी दिलाई। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर ने कश्मीरी पंडितों के लिए, राष्ट्र की एकता और धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान किया। गुरुओं ने हमें डरना और डराना नहीं सिखाया। अपने स्वाभिमान के लिए लड़ना सिखाया। सिख बंधुओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिस प्रकार बिना भय के उल्लास और उमंग के बीच यहां हम सभी कार्यक्रम कर रहे हैं, क्या संभव है कि ऐसा ही कार्यक्रम ननकाना साहिब और काबुल आदि में भी हो! यह भय रहित, भेदभाव से परे समाज ही हमारे गुरुओं की प्रेरणा है। इसकी रक्षा के लिए हम सभी को एकजुट रहना होगा।

'साहिबजादों की स्मृति में वीर बाल दिवस' मनाना प्रेरणास्पद

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों ने देश व धर्म के लिए स्वयं का बलिदान कर दिया था। साहिबजादों का बलिदान कभी विस्मृत नहीं किया जा सकता। इतिहास अगर हममें गौरव का भाव भरता है, तो ऐतिहासिक गलतियों के परिमार्जन के लिए प्रेरित भी करता है। साहिबजादों की स्मृति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'वीर बाल दिवस' की घोषणा करके वर्तमान पीढ़ी को देश व धर्म के लिए किस भाव के साथ कार्य करना है, उसकी एक नई प्रेरणा प्रदान की है। सीएम ने गुरुद्वारों में लंगर आयोजन को मानवता की अद्भुत परंपरा बताते हुए गुरुमुखी लिपि को पवित्रता का प्रतीक भी कहा। विशेष कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी के मोबाइल एप का लोकार्पण करते हुए सीएम ने आमजन को गुरुमुखी लिपि सीखने के लिए प्रेरित भी किया।

कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सिख परंपरा को मानवता की महान संस्कृति कहा। उन्होंने कहा कि गुरुओं ने हमें धर्म के प्रति आस्था, संस्कार, करुणा, सेवाभाव सहित मानवता के सभी गुणों से प्रकाशित किया तो राष्ट्र और धर्म की रक्षा की प्रेरणा भी दी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Uttar Pradesh, CM Yogi Adityanath, sacrifice of Sikh gurus, inspirational, protect the country and religion
OUTLOOK 01 January, 1970
Advertisement