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03 April 2017

यूपी में 2.15 करोड़ छोटे किसानों पर 62 हजार करोड़ का कर्ज

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आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमण्डल की पहली बैठक में किसानों की कर्जमाफी के साथ-साथ अवैध बूचड़खानों के विनियमन, मांस कारोबारियों के लाइसेंस से जुड़े मुद्दों,  बुंदेलखण्ड को और मदद देने के उपायों, पूर्वांचल की समस्याओं को लेकर फैसले किए जा सकते हैं।

प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को अभूतपूर्व जनादेश मिलने के बाद सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रियों ने गत 19 मार्च को शपथ ली थी। मौजूदा सरकार की मंत्रिमण्डल की पहली बैठक 16वें दिन होगी। इस विलम्ब का एक कारण किसानों की कर्जमाफी का चुनावी वादा भी माना जा रहा है।

सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के लागू होने के कारण राज्य पर लगभग 25 हजार करोड़ रुपये प्रतिवर्ष अतिरिक्त व्यय भार आ जाने के बीच किसानों की कर्जमाफी में केन्द्र द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार की मदद से इनकार किये जाने से मुश्किल और बढ़ गयी है।

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हालांकि, प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही समेत तमाम मंत्री किसानों की कर्जमाफी के वादे पर जल्द से जल्द अमल की बात कह रहे हैं, लेकिन माना जा रहा है कि मौजूदा सूरतेहाल में सरकार को अपना यह वादा पूरा करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी है।

भाजपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में इसका वादा किया था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी हर चुनावी सभा में जनता को भरोसा दिलाया था कि प्रदेश में पार्टी की सरकार बनने के बाद कैबिनेट की पहली ही बैठक में वह प्रदेश का सांसद होने के नाते किसानों का कर्ज माफ करवाएंगे।

वित्त विभाग के एक प्रवक्ता के अनुसार भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र-2017 में ऐसी अनेक प्रतिबद़धताएं हैं जिन्हें पूरा करने के लिये सरकार को काफी वित्तीय बोझ उठाना पड़ेगा। लिहाजा सरकार के पास अपने चुनावी वादों को अमली जामा पहनाने में आगे भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

मालूम हो कि प्रदेश में दो करोड़ से ज्यादा लघु तथा सीमान्त किसान हैं, जिन पर करीब 62 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है।

प्रवक्ता के मुताबिक किसानों की कर्जमाफी के फलस्वरूप माफ की गई धनराशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा बैंकों को किया जाएगा। इसके लिए अतिरिक्त कर्ज की आवश्यकता के मद्देनजर राज्य सरकार केन्द्र से अतिरिक्त रिण के लिये किये जाने वाले बन्ध पत्रों की धनराशि तथा उस पर लगने वाले ब्याज को एफआरबीएम एक्ट के अन्तर्गत निर्धारित कर्ज सीमा से बाहर रखने का अनुरोध करेगी।

प्रदेश में इस वक्त लगभग दो करोड़ 30 लाख किसान हैं। प्रदेश में लघु एवं सीमान्त कृषकों की कुल संख्या 2.15 करोड़ है।

प्रदेश में वर्ष 2013-14 के रबी मौसम से 2015-16 के रबी मौसम तक लगातार दैवीय आपदाओं के कारण फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता अत्यधिक प्रभावित रही है, जिसके कारण प्रदेश के विशेषकर लघु एवं सीमान्त कृषकों की आर्थिक दशा गम्भीर हो गयी है। भाषा

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TAGS: योगी आदित्‍यनाथ, भाजपा, यूपी, सीएम, bjp, yogi adityanath, up, cm, farmers loan
OUTLOOK 03 April, 2017
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