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09 October 2018

कौन हैं सर छोटूराम, जिनकी प्रतिमा का पीएम मोदी ‌किया अनावरण

File Photo

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार की दोपहर सांपला पहुंचने पर पहले सर छोटूराम की 64 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण ‌किया और उसके बाद म्यूजियम गए। इस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और सर छोटूराम के नाती और केंद्रीय स्टील मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह भी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने आज जिन सर छोटूराम की मूर्ति का अनावरण ‌किया, उन्होंने किसानों के हक के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है।

क्यों नाम पड़ा 'छोटू'

24 नवंबर, 1881 को रोहतक के गढ़ी सांपला में जन्मे सर छोटूराम के बचपन का नाम रिछपाल था, लेकिन परिवार में सबसे छोटे होने पर उन्हें सब छोटू बुलाने लगे। अपने गांव में पढ़ाई करने के बाद वो दिल्ली चले गए जहां क्रिश्चियन मिशन स्कूल से उन्होंने पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। ग्रेजुएशन के कुछ साल बाद उन्होंने आगरा से वकालत की पढ़ाई की और एक वकील के तौर पर अपनी प्रैक्टिस शुरू की।

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बने राजस्व मंत्री

1916 में उन्होंने राष्ट्रीय कांग्रेस जॉइन की और 1920 तक रोहतक जिला कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के तौर पर काम किया। उन्होंने 1923 में यूनियनिस्ट पार्टी (जमीनदारा लीग) का गठन किया। 1935 में लाहौर में हुए प्रांतीय सरकार के चुनावों में उनकी पार्टी ने जीत दर्ज की और वो राजस्व मंत्री के पद पर आसीन हुए। उन्होंने गरीब तबके के लिए काफी काम किया। 1930 में उन्होंने पंजाब रिलीफ इंडेब्टनेस, 1934 और द पंजाब डेब्टर्स प्रोटेक्शन एक्ट, 1936 पास कराया, जिससे किसानों को काफी राहत मिली।

सैलरी का एक हिस्सा देते थे गरीब छात्रों को

जब सर छोटूराम मंत्री थे, तब वो अपनी सैलरी का एक हिस्सा गरीब तबके से आए होनहार छात्रों की मदद के लिए अलग रखते थे, ताकि बच्चों की आर्थिक मदद की जा सके। किसानों और गरीब लोगों की मदद के लिए सर छोटूराम को 'राव बहादुर' और 'दीनबंधु' जैसे नामों से सम्मानित किया गया था। आजादी से दो साल पहले, 9 जनवरी, 1945 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।

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TAGS: sir chhoturam, pm modi, narendra modi, haryana
OUTLOOK 09 October, 2018
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