Advertisement
29 November 2017

हाई कोर्ट ने पूछा, नेताओं की सुरक्षा पर क्यों हो जनता का पैसा खर्च?

नेताओं की सुरक्षा पर जनता का पैसा खर्च करने की क्या जरूरत है? महाराष्ट्र सरकार से यह सवाल बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने पूछा। मुख्य न्यायाधीश मंजूला चेल्लूर और न्यायमूर्ति एमएस सोनक की पीठ ने कहा कि जिन नेताओं को पुलिस सुरक्षा की जरूरत होती है वे पार्टी फंड से इसके लिए भुगतान कर सकते हैं।

न्यायाधीश चेल्लूर कहा,"नेताओं की सुरक्षा पर करदाताओं का पैसा खर्च करने की राज्य सरकार को क्या जरूरत है? क्योंकि, हमें लगता है कि वे अपनी पार्टी से इसका भुगतान कर सकते हैं।" पीठ एक वकील की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में राज्य पुलिस को नेताओं और फिल्मी कलाकारों सहित उन वीआइपी लोगों से बकाया राशि वसूलने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है जिन्हें सुरक्षा मुहैया कराई गई है, लेकिन इसके लिए उन्होंने पैसे का भुगतान नहीं किया है।

याचिका के अनुसार राज्य के करीब एक हजार पुलिसकर्मी निजी लोगों की सुरक्षा में तैनात हैं।अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को समय-समय पर सुरक्षा के सभी आवेदनों की समीक्षा प्रक्रिया सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए ताकि खतरा खत्म होने के बाद भी लोग इसका फायदा नहीं उठाते रहें। सरकार को सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को एक निश्चित अवधि के बाद अन्य कामों में लगाने और समय-समय पर उनकी शारीरिक क्षमताओं की जांच के लिए सिस्टम बनाने का भी निर्देश दिया। इस दौरान पुलिसकर्मियों की फिटनेस पर तंज कसते हुए न्यायाधीश चेल्लूर ने कहा कि वे खुद अपने बॉडीगार्ड से तेज दौड़ सकती हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: बॉम्बे हाई कोर्ट, सुरक्षा, महाराष्ट्र, जनहित याचिका, Bombay High Court, police protection, Maharashtra, PIL
OUTLOOK 29 November, 2017
Advertisement