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02 January 2018

बेटे ने ही कर दी समाजसेवी पिता और माता की हत्या, आरोपी गिरफ्तार

File Photo

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले स्थित नगपुरा पार्श्वनाथ तीर्थ के फाउंडर 72 साल के रावलमल जैन और उनकी 67 साल की सुरजी देवी की उनके ही 40 साल के बेटे संदीप जैन ने सोमवार को हत्या कर दी। गुनाह काबुल करने के बाद पुलिस ने संदीप को गिरफ्तार कर लिया है।  दुर्ग के पुलिस अधीक्षक अमरेश मिश्रा ने आउटलुक को बताया कि आरोपी को कोर्ट  में पेश कर आगे की पूछताछ के लिए रिमांड में लिया जाएगा।

आरोपी बेटा कवि बनना चाहता था। वह देश में अलग-अलग जगह कवि सम्मेलन आयोजित कराता था। कविता सुनाने के लिए वह लड़कियों को अक्सर घर पर भी बुलाता था। उसने वायदा कारोबार में भी पैसे लगा रखे थे, इसमें उसे करीब 7 करोड़ रुपये नुकसान हुआ था। उसे किसी को 73 लाख रुपए देने थे। उसने पिता से पैसे मांगे, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। इस वजह से पिता-बेटे में विवाद के हालात बने रहते थे। घटना के एक दिन पहले भी मंदिर में जल चढ़ाने को लेकर पिता-पुत्र में विवाद हुआ था। उस वक्त बेटे का फेवर लेने के चलते मां को पति से मार भी खाना पड़ा था।

आरोपी ने टॉयलेट से निकल रहे पिता की पीठ और गर्दन पर दो गोलियां मारी। हत्या की वजह का खुलासा ना हो इसके लिए उसने 5 मिनट बाद मां को धक्का दिया और सिर, हाथ और गर्दन पर 3 गोलियां मारी।

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बताया जा रहा है कि मां के विरोध करने पर उसे लगा कि वारदात का खुलासा हो जाएगा। रावलमल की लाश घर के गलियारे में और सुरजी बाई की लाश पलंग पर थी। संदीप ने दो दिन पहले ही पिता की हत्या की प्लानिंग कर ली थी। क्योंकि, आरोपी ने दो दिन पहले पत्नी को मायके भेज दिया, घटना की रात गार्ड को छुट्टी दे दी।

पुलिस ने मृतक पति-पत्नी के अंतिम संस्कार का इंतजार करने के बाद ही मामले का खुलासा किया। पुलिस को गुमराह करने के लिए संदीप ने पिस्टल और 12 जिंदा कारतूस घर के पीछे खड़े लोडिंग ऑटो में रख दिए थे। आरोपी ने घटना के बाद घर की खिड़की को भी खोल दिया था। पुलिस ने संदीप से जब कड़ाई से पूछताछ की तो उसने गुनाह कबूल कर लिया।

आरोपी 7 महीने पहले इलाहाबाद गया था। वहां उसकी मुलाकात एक युवक से हुई थी, उसे संदीप ने 9 एमएम की पिस्टल देने के एवज में 30 हजार रुपए देने की बात कही। 5 महीने पहले वह युवक रायपुर आया और संदीप को रेलवे स्टेशन पर पिस्टल दे गया। संदीप ने बताया कि शनिवार को हुए विवाद के बाद उसने पिता को मारने का प्लान बनाया था। पिता को मारने के बाद मां ने भांजे को फोन कर दिया तो उसे भी मारना पड़ा।

मृतक रावलमल मूल रूप से साजा के रहने वाले थे। 1966 में उन्होंने वीकली न्यूज पेपर छत्तीसगढ़ निकाला। 1979 में उन्होंने दुर्ग जिले के नगपुरा में पार्श्वनाथ तीर्थ की स्थापना की। आज पूरी दुनिया में नगपुरा एक जैन तीर्थ के तौर पर विख्यात है। रावलमल ने करीब 108 किताबें भी लिखीं हैं। उनके परिचितों ने उन्हें मणि का खिताब दिया था। रावलमल दुर्ग के राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार कमेटी के अध्यक्ष थे।

अंतिम संस्कार में पहुंचे सीएम और एमपी

रावलमल जैन और सुरजी देवी का अंतिम संस्कार नगपुरा में किया गया। दोनों को मुखाग्नि पोते संयम (13) ने दी। अंतिम संस्कार के दौरान सीएम डॉ. रमन सिंह, सांसद अभिषेक सिंह, विधायक अरुण वोरा, मंत्री रमशीला साहू, सांसद ताम्रध्वज साहू समेत कई लोग मौजूद रहे।सीएम डॉ. रमनसिंह ने उनके निधन पर कहा कि नगपुरा तीर्थ को संवारने और आगे बढ़ाने में रावलमल का योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने प्राकृतिक चिकित्सालय, जैन गुरुकुल की स्थापना की। चिकित्सालय में आज भी जहां मरीजों का इलाज काफी कम फीस पर किया जा रहा। बच्चों को गुणवान और संस्कारवान बनाने में योगदान दिया।

रावलमल के थे अडानी ग्रुप से रिश्ते

रावल मल जैन मूल रूप से साजा (छत्तीसगढ़ ) से आते हैं। उनके पिता का अनाज की खरीदी-बिक्री का कारोबार था। 1 जनवरी को ही उनका 75 वां जन्मदिन था। 1979 में उन्होंने नगपुरा में पार्श्वनाथ तीर्थ की स्थापना की।

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TAGS: Trustee, famous Jain temple, wife found, shot dead, son held
OUTLOOK 02 January, 2018
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