Advertisement
06 December 2017

गुजरात के आगे झुका मध्‍यप्रदेश्‍ा, कुनो में नहीं रहेंगे गिर के शेर

आखिरकार, गुजरात की जिद मध्यप्रदेश सरकार ने मान ली है। गिर के शेर अब मध्यप्रदेश के कुनो पालनपुर अभ्‍ायारण्य में नहीं रखे जाएंगे। यह फैसला मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की अध्यक्षता में संपन्न राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक में लिया गया। बैठक में वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार भी उपस्थित थे। कुनो में अब प्रदेश के बाघों को रखा जाएगा।

मप्र सरकार के इस फैसले से गिर के शेरों की शि‌फ्टिंग पर करीब बीस साल से चल रहे विवाद पर विराम लग गया है। ग्वालियर डिवीजन के श्योपुर जिले के कुनो वन्यजीव अभयारण्य को एशियाई शेरों के दूसरे घर के रूप में चुना गया था। वर्ष 1996-97 में इस दिशा में शुरुआत हुई थी। उसी समय से गुजरात शेरों के स्थानांतरण की योजना का कड़ा विरोध करता रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने भी अप्रैल 2013 में गिर के कुछ शेरों को कुनो स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। इसका भी पालन अभी तक नहीं हुआ है। पिछले महीने इस संबंध में अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने 20 जनवरी 2018 तक दोनों पक्षों को अपना जवाब देने के लिए कहा था। आरटीआइ कार्यकर्ता अजय दुबे का कहना है कि राज्य सुप्रीम कोर्ट के आदेश में बाधा खड़ा कर रहा है, इसलिए हम सरकार के खिलाफ लड़ने को तैयार हैं।

Advertisement

रिटायर्ड आइएफएस अधिकारी और सिस्टम परिवर्तन अभियान के अध्यक्ष आजाद सिंह ने आउटलुक से कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुश करने के लिए ये फैसला किया है। कुनो-पालनपुर अभयारण्य आज शेरों के लिए तैयार है तो मुख्यमंत्री वहां बाघों को बसाना चाहते हैं। उन्हें कम से कम उन परिवारों के बारे में तो सोचना चाहिए था जिन्हें शेरों को बसाने के लिए विस्थापित किया गया था।

गिर नेशनल पार्क में शेरों की संख्या काफी ज्यादा हो चुकी है। वन्यजीव विशेषज्ञ लंबे समय से चेताते रहे हैं कि जीन स्थिरता (जेनेटिक स्टेबिलिटी) और अच्छी सेहत के लिए शेरों को दूसरी जगहों पर भेजना जरूरी है। पर दुर्लभ एशियाई शेरों को गिर नेशनल पार्क से मध्य प्रदेश के कुनो वन्यजीव अभयारण्य भेजने के मुद्दे पर गुजरात सरकार ने अपने रुख में कभी नरमी नहीं रखी। जब तक नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे तो गुजरात ने गिर शेरों के स्थानांतरण का कड़ा विरोध किया। राज्य इन शेरों को ‘गुजरात के गौरव’ के प्रतीक के तौर पर प्रचारित करता है। इससे पर्यटकों को आकर्षित करने में भी मदद मिलती है, क्योंकि यह प्रजाति भारत में कहीं और नहीं पाई जाती।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: गुजरात, मप्र, गिर के शेर, कुनो, Gujarat, MP, Gir lions, Kuno
OUTLOOK 06 December, 2017
Advertisement