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24 July 2015

ठुल्ला विवादः अदालत ने शिकायतकर्ता से ही पूछे सवाल

गूगल

मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अनु अग्रवाल ने कहा, कथित टिप्पणी व्यक्तिगत थी या सामान्य प्रवृत्ति की थी? क्या कथित अपमान का इरादा शांति भंग करने के लिए उकसाना था? आप स्पष्टीकरण दें। मामले की अगली सुनवाई अब 31 जुलाई को होगी। शिकायतकर्ता कांस्टेबल हरविंदर की ओर से पेश हुए वकील एल.एन. राव ने अदालत में दलील दी कि केजरीवाल के ठुल्ला कहने से पूरी दिल्ली पुलिस का मनोबल कम हुआ है। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री के दर्जे के किसी व्यक्ति द्वारा ठुल्ला कहने से दिल्ली पुलिस का मनोबल कम हुआ है और इसका इरादा शांति भंग के लिए उकसाना है। राव ने साथ ही कहा कि केजरीवाल ने जानबूझकर पूरे पुलिस बल का अपमान किया है और यहां के पुलिसकर्मियों में गैरजरूरी उकसावा एवं असंतोष पैदा किया है।

गोविंदपुरी थाने में तैनात कांस्टेबल ने गत 22 जुलाई को शिकायत दर्ज करायी थी, जिसमें उसने केजरीवाल की टिप्पणी से अपना अपमान होने का दावा किया था। कांस्टेबल ने अपनी याचिका में कहा, ...ठुल्ला जैसे अपमानजनक और नीचा दिखाने वाले शब्द का इस्तेमाल करना पूरे दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को सुस्त और अकर्मण्य कहने के बराबर है। इसलिए इस शब्द ने शिकायतकर्ता के परिवार, रिश्तेदारों और मित्रों समेत आम जनता की आंखों में उसकी प्रतिष्ठा धूमिल की है। इसमें कहा गया, देश की राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री जैसे किसी सांवैधानिक पद पर होने की वजह से अरविंद केजरीवाल बहुत प्रभावशाली हैं, लोगों के बीच उनकी पहुंच है और इसलिए उनके शब्दों से दिल्ली पुलिस की सार्वजनिक छवि प्रभावित होती है। याचिकाकर्ता ने अदालत से आईपीसी की धारा 500 (मानहानि) और 504 (शांति भंग करने के लिए उकसाव के इरादे से अपमान) के तहत केजरीवाल को सन भेजने का अनुरोध किया। पुलिस आयुक्त बी.एस. बस्सी ने भी केजरीवाल के ठुल्ला शब्द के इस्तेमाल को लेकर अपनी नाराजगी का संकेत दिया था।

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TAGS: अरविंद केजरीवाल, दिल्ली पुलिस, ठुल्ला विवाद, अदालत, याचिका, Arvind Kejriwal, Delhi Police, Thulla dispute, the court petition
OUTLOOK 24 July, 2015
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