Advertisement
05 August 2022

दिखने लगेगा सिंगल यूज प्लास्टिक बंद होने का असर, जागरूकता के लिए उठाने होंगे कदमः विशेषज्ञ

नई दिल्ली : पिछले दिनों केन्द्र सरकार ने सिंगल प्लास्टिक के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है, अभी इसका असर सामने नहीं आया है लेकिन अभी की हालात में जो आंकड़ें हैं वह चौंकाने वाले हैं। पिछले पांच साल में देश में प्लास्टिक की खपत 21 फीसदी बढ़ गई है। इसमें से भी 16 फीसदी प्लास्टिक को ही रिसाइकिल किया जा रहा है। जबकि बाकी का 5 फीसदी कचरे के रूप में वातावरण को दूषित कर रहा है। राज्यों की सिविक एजेंसियां इससे अपने-अपने तरीके से लड़ने के प्रयास तेज कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि स्थिति को संभलने में अभी समय लगेगा। यह जानकारी आईएफएटी इंडिया द्वारा दिल्ली में ‘प्लास्टिक न्यूट्रेलिटी थ्रू सर्कुलर इकोनोमी’ विषय पर पैनल चर्चा की गई। यहां यह बता दें कि आईएफएटी इंडिया और मैस्से म्युनशेन इंडिया आगामी 28 सितम्बर से मुम्बई के बॉम्बे एक्जीबिशन सेंटर में तीन दिवसीय ट्रेड फेयर का आयोजन करने जा रही है।

दिल्ली में आयोजित यह पैनल चर्चा उस फेयर से पहले एक विशेष प्रीव्यू शो था। इसमें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के पूर्व सलाहकार (वैज्ञानिक) संचिता जिंदल, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के सचिव डा. के एस जयचंद्रन, गाजियाबाद के नगर निगम कमिश्नर महेन्द्र सिंह तंवर व जम्मू नगर निगम के मेयर चंदर मोहन आदि शामिल हुए। इस पैनल चर्चा का संचालन भारतीय प्रदूषण नियंत्रण संगठन के निदेशक डा. आशीष जैन ने किया। इस मौके पर डॉ. के एस जयचन्द्रन ने कहा कि दिल्ली में सरकार प्लास्टिक अपशिष्ट में कमी लाने के लिए सक्रिय कदम बढ़ा रही है। 19 सिंगल यूज़ प्लास्टिक पहले से बैन किए जा चुके हैं और आने वाले समय में ऐसे और प्रतिबंध लगाए जाएंगे। इस बदलाव से प्रतिदिन 550 टन सिंगल यूज़ प्लास्टिक व्यर्थ की कमी लाई जा सकेगी।

गाजियाबाद नगर निगम कमिश्नर महेन्द्र सिंह तंवर ने कहा कि जिस तरह से गाजियाबाद में 1100 सौ टन प्रतिदिन प्लास्टिक कचरा निकलता है, जिसमें से 10 फीसदी प्लास्टिक कचरा वेस्ट में चला जा जाता है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक को मैनेज करने की जरूरत है। प्लास्टिक के राक्षस को या तो खत्म कर दें या फिर उसे दोस्त बना लें। खत्म करने के लिए इसका इस्तेमाल अन्य किसी चीज में कर लें या फिर उसका उपयोग रिसाइकिल करके दोबारा कर लें। इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन के निदेशक आशीष जैन ने कहा कि ‘‘सरकार और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत में सर्कुलर अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं और प्लास्टिक के रीड्यूस, रिसाइकिल, रीयूज़ को बढ़ावा देने और प्लास्टिक को पर्यावरण से बाहर करने के लिए प्रयासरत हैं।

Advertisement

उद्योग जगत के परिप्रेक्ष्य पर चर्चा करते हुए कॉर्पोरेट हैड- ईएचएस, डाबर इंडिया के तुषार रंजन पटनायक ने कहा, ‘‘पिछले दो साल व्यर्थ प्रबन्धन की दृष्टि से क्रान्किरी रहे हैं। सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर पिछले महीने से रोक लगा दी गई है, यह स्थायी विकास के लिए 3 आर की दिशा में अच्छा कदम है। हम प्लास्टिक के उपयोग को कम कर सकते हैं, लेकिन इसे शून्य नहीं कर सकते। इसलिए हमें सबसे पहले एफएमसीजी सेक्टर को प्लास्टिक वेस्ट न्यूट्रल बनाना होगा। यह कार्बन फुटप्रिन्ट कम करने की दिशा मे ज़िम्मेदार ब्राण्ड के रूप में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। पर्यावरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता सरकारी नियमों (25 -70 फीसदी रीसाइक्लेबिलिटी) से कहीं अधिक है। हम 100 फीसदी प्लास्टिक वेस्ट न्यूट्रेलिटी के साथ इस सीमा को पार कर रहे हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
OUTLOOK 05 August, 2022
Advertisement