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01 July 2015

दिल्ली हाईकोर्ट ने आप सरकार को दी‌ झिड़की

आउटलुक

कैबिनेट के इस फैसले को याचिकाकर्ता वकील ने चुनौती देते हुए कहा कि आत्महत्या एक अपराध है और इसका महिमामंडन नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता ने कैबिनेट के फैसले की एक प्रति अदालत के समक्ष पेश की। फैसले की प्रति पेश किए जाने के बाद मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ ने दिल्ली सरकार के वकील से पूछा, आपको क्या कहना है? अदालत ने आप सरकार को झिड़की भी देते हुए कहा कि कैबिनेट के 28 अप्रैल के फैसले की प्रति भी अदालत को वकील अवध कौशिक ने उपलब्ध करवाई है न कि सरकार ने।

यह घटना 22 अप्रैल को आम आदमी पार्टी की उस रैली के दौरान हुई थी, जिसका आयोजन भूमि अधिग्रहण विधेयक के विरोध में किया गया था। इस रैली के दौरान राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह कल्याणवंत ने रैली के आयोजन स्थल जंतर-मंतर पर एक पेड़ पर फांसी लगा ली थी। दिल्ली सरकार का पक्ष रखते हुए वकील रमन दुग्गल ने कहा कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी और जांच चल रही है। हालांकि अदालत ने दिल्ली सरकार से कहा कि उसे जो कुछ भी कहना है, शपथपत्र में कहे। इसके साथ ही अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए दो सितंबर की तिथि तय कर दी।

बहस के दौरान याचिकाकर्ता कौशिक ने दावा किया कि किसान को शहीद का दर्जा देकर उसके द्वारा की गई आत्महत्या को महिमामंडित नहीं किया जा सकता क्योंकि उसने अपराध किया है। अदालत ने गजेंद्र को शहीद घोषित किए जाने के दिल्ली सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सरकार से छह मई को जवाब मांगा था। अदालत ने वकील की जनहित याचिका पर यह आदेश दिया। याचिका में यह भी मांग की गई थी कि अरविंद केजरीवाल की सरकार को किसान की याद में मूर्ति लगाने से रोका जाए। याचिका में दिल्ली सरकार द्वारा किसानों को मुआवजे की योजना कल्याणवत के नाम पर शुरू किए जाने और उसके एक परिजन को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी का वादा किए जाने के कदम का भी यह कहते हुए विरोध किया गया है कि प्रतिवादी संख्या एक (दिल्ली सरकार) का यह कृत्य कुछ और नहीं बल्कि आत्महत्या को महिमामंडित करने, उचित ठहराने, उसकी प्रशंसा करने, समर्थन करने एवं उसे प्रतिष्ठित करने का प्रयास है जबकि आत्महत्या का प्रयास खुद भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 309 के तहत एक अपराध है। इसलिए याचिका में दिल्ली सरकार को ऐसा कदम उठाने से रोकने की मांग की गई।

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TAGS: आप सरकार, दिल्ली हाईकोर्ट, किसान आत्महत्या, आप की रैली, जंतर-मंतर, AAP Government, court, farmer suicides, AAP's rally, Jantar Mantar
OUTLOOK 01 July, 2015
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