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09 July 2015

व्‍यापमं से जुड़े सभी मामलों की जांच सीबीआई के हवाले

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज व्यापमं घोटाले और इससे जुड़ी सभी कथित मौतों की जांच केंद्रीय जांच ब्‍यूरो (सीबीआई) से कराने का आदेश दिया है। मध्‍य प्रदेश के राज्‍यपाल राम नरेश यादव को पद से हटाने की अर्जी पर भी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, मध्यप्रदेश सरकार तथा राज्यपाल को नोटिस जारी किया है। इस याचिका में राम नरेश यादव की व्‍यापमं घोटाले में कथित संलिप्‍ता के आधार पर उन्‍हें पद से हटाने की मांग की गई है। सर्वोच्च अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस देकर पूछा कि राम नरेश यादव पर कार्रवाई क्यों न की जाए। नोटिस का जवाब देने के लिए केंद्र, राज्‍य सरकार और राज्यपाल को चार हफ्ते का समय दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने व्‍यापमं की जांच सीबीआई को न सौंपने को लेकर जबलपुर हाई कोर्ट पर कड़ी नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट मामले से पल्‍ला झाड़ना चाहता है।  

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के अलावा आशीष चतुर्वेदी, डॉ आनंद राय और प्रशांत पांडे ने व्यापमं घोटाले से जुड़े मामलों में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामला तूल पकड़ने के बाद राज्य सरकार ने व्यापमं संबंधी मामलों की जांच विशेष जांच दल और विशेष कार्यबल से सीबीआई को स्थानांतरित करने के लिए अपनी सहमति दे दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह व्यवस्था दी। प्रधान न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की अगुवाई वाली पीठ ने स्पष्ट किया कि सभी मामले सोमवार से सीबीआई को स्थानांतरित कर दिए जाएंगे और एजेंसी अपनी रिपोर्ट 24 जुलाई को अदालत समक्ष पेश करेगी। सीबीआई की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होगी या नहीं, अभी इस बारे में फैसला नहीं हुआ है। इस पर 24 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई में फैसला हो सकता है।  

सीबीआई को जांच का जिम्मा सौंपने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने अटॉनी जनरल मुकुल रोहतगी की बातों को दर्ज किया। मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से पेश होते हुए रोहतगी ने कहा कि राज्य सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। व्यापमं घोटाले से जुड़े मामलों की जांच, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए सीबीआई को स्थानांतरित करने में कोई आपत्ति नहीं है। 

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दिग्गज वकीलों ने की सीबीआई जांच की पैरवी 

व्‍यापमं घोटाले की सीबीआई जांच के लिए लगाई गई याचिकाओं के पक्ष में दिग्गज वकील सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। इनमें अभिषेक मनु सिंघवी, इंदिरा जयसिंह, केटीएस तुलसी और विवेक तन्‍खा शामिल थे। इसी मुद्दे पर वकीलों के एक समूह की ओर से लगाई याचिका की पैरवी वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता कपिल सिब्‍बल ने की जबकि व्‍यापमं घोटाले की पोल खोलने वाले आनंद राय की ओर से जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने पक्ष रखा । इन दिग्गज वकीलों ने व्‍यापमं घोटाले की सीबीआई जांच की आवश्‍यकता और एक के बाद एक संदिग्ध मौतों का मुद्दा जोरदार तरीके से सुप्रीम कोर्ट के सामने उठाया। 

 

राज्‍यपाल पर टिप्‍पणी से कपिल सिब्‍बल को रोका 

व्‍यापमं मामले पर सुनवाई के दौरान कपिल सिब्‍बल ने जब राज्‍यपाल राम नरेश यादव पर टिप्‍पणी करनी चाही तो जजों ने पद की गरिमा का ख्‍याल रखते हुए रोक दिया। जब सिब्बल ने घोटाले की गंभीरता के बारे में बताया और कहा कि हर दिन लोग मर रहे हैं और मृतकों की संख्या 48 हो चुकी है तो प्रधान न्यायमूर्ति ने कहा, याचिका में मैंने 36 देखा है। हम इसे 36 से 38 नहीं होने देंगे।

 

राजनाथ सिंह ने बुलाई आपात बैठक, हट सकते हैं राम नरेश यादव

मध्‍य प्रदेश के राज्‍यपाल राम नरेश यादव पर सुप्रीम कोर्ट के रुख के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अधिकारियों की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि जल्‍द ही उन्हें पद से हटाने का फैसला लिया जा सकता है। कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्‍यापमं मामले में भाजपा की किरकिरी को लेकर काफी नाराज हैं। 

 

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TAGS: मध्‍य प्रदेश, व्‍यापमं घोटाला, सीबीआई जांच, सुप्रीम कोर्ट, आदेश, राज्‍यपाल, रामनरेश यादव
OUTLOOK 09 July, 2015
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