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13 April 2018

सिद्धू बोले, सीएम ही बता सकते हैं ऐसा क्यों किया

file photo

पंजाब के कैबिनेट मंत्री और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने रोडरेज मामले में उन्हें मिली तीन साल की सजा बरकरार रखने के समर्थन करने के राज्य सरकार के फैसले पर कहा है कि इस मामले में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और एडवोकेट जनरल ही जवाब दे सकते हैं। इस मामले में आउटलुक ने जब सिद्धू से बात की तो उन्होंने कहा कि वह खनन मामले पर बनी सबकमेटी के साथ तीन दिन के लिए तेलंगाना दौरे पर हैं। इस मामले में मुख्यमंत्री ही बता सकते हैं कि ऐसा क्यों किया गया।

राज्य सरकार के वकील ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस मामले में शामिल होने से इनकार करने वाले पूर्व क्रिकेटर का बयान झूठा है और मामले के चश्मदीद पर भरोसा किया जाना चाहिए। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने पंजाब सरकार के वकील से यह भी पूछा कि इस मामले में दूसरे आरोपी रुपिंदर सिंह सिद्धू को कैसे पहचाना गया, जबकि उसका नाम एफआइआर में दर्ज नहीं था।  

2006 में मिली थी तीन साल की सजा 
गौरतलब है कि वर्ष 1998 के रोडरेज के एक मामले में साल 2006 में पंजाब एंव हरियाणा हाइकोर्ट से सिद्धू को तीन साल की सजा मिली थी। इसके खिलाफ सिद्धू ने शीर्ष अदालत में अपील की थी। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार के अधिवक्ता ने सजा बरकरार रखने की सलाह दी। इस मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी। उधर, पीड़ित पक्ष गुरनाम सिंह के परिवार ने पंजाब और हरियाणा हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील करके कहा है कि सिद्धू को मिली तीन साल की सजा काफी नहीं है और इसे बढ़ाया जाना चाहिए। 

यह था मामला
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा पटियाला के शेरावालीं गेट के पास स्टेट बैंक ऑफ पटियाला की पार्किंग में गाड़ी पार्क करने को लेकर हुए झगड़े में मुक्का मारने से पटियाला निवासी गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी। सरकार ने कहा कि निचली अदालत का यह निष्कर्ष गलत था कि सिंह की मौत ब्रेन हैमरेज से नहीं बल्कि हृदय गति रूकने से हुई थी। पंजाब सरकार के वकील ने कहा, ‘‘ इस बात का एक भी साक्ष्य उपलब्ध नहीं है कि मौत की वजह दिल का दौरा पडऩा या ब्रेन हैमरेज थी। निचली अदालत के फैसले को हाइकोर्ट ने सही निरस्त किया था। आरोपी ए1 (नवजोत सिंह सिद्धू) ने गुरनाम सिंह को मुक्का मारा था जिससे ब्रेन हैमरेज हुआ और उनकी मौत हो गई।’’

एक टीवी इंटरव्यू में सिद्धू भी स्वीकार कर चुके हैं कि उनकी गलती की वजह से एक बुजुर्ग की जान चली गई थी। 

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TAGS: Punjab, navjot, sidhu, court, road, rage
OUTLOOK 13 April, 2018
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