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21 August 2015

उपेक्षा पड़ सकती है भाजपा को भारीः बिहारी बाबू

गुगल

बिहारी बाबू परेशान बहुत हैं। बिहार में उनकी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनावों के समर में पूरी तैयारी के साथ उतर चुकी है। बैनर-पोस्ट और रैलियों का रैला लगा हुआ है। लेकिन उनकी कोई पूछ नहीं है। कहीं कोई बुलावा नहीं है। जबकि वह बिहार की राजधानी पटना का दिल जीत कर देश की संसद पहुंचे हैं। जी हां, यहां बात हो रही है शत्रुघन सिन्हा की, जो लगातार भाजपा की आधिकारिक लाइन से पंगा लेते हुए, बागी तेवर अपनाते हुए, अपने वजूद की लड़ाई लड़ रहे हैं।

आउटलुक से बातचीत के दौरान उन्होंने इस बात का भी संकेत दिया कि उनकी इस उपेक्षा का भाजपा को विधानसभा चुनावों में खामियाजा भी उठाना पड़ सकता है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति गहरा सम्मान व्यक्त पूरी बेबाकी के साथ व्यक्त करते हैं शत्रुघन सिन्हा। उनका कहना है कि वह हमारे राज्य के मुखिया हैं और सबका ध्यान रख रहे हैं। अपने पिता के नाम पर खोले गए कॉलेज का वह खासतौर से जिक्र करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी माना कि बिहार में जनता दल (यू) –राजद गठबंधन और भाजपा गठबंधन के बीच कांटे की रहेगी। शत्रुघन सिन्हा से जब कोबरा पोस्ट के कुख्यात रणवीर सेना द्वारा किए गए दलितों के नरसंहार और उसे हासिल से संबंधित खुलासे का चुनाव पर पड़ने वाले असर के बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने सीधा जवाब देने के बजाय कहा कि हत्या करने वालों को कानून के हिसाब से सजा मिलनी चाहिए।

उन्हें इस बात का बेहद मलाल है कि बिहार में भाजपा ने अपने प्रचार में उन्हें शामिल नहीं किया। उनका मानना है कि भाजपा को अपने चुनावी पोस्टर में स्थानीय नेताओं, बिहार के नेताओं को जगह देनी चाहिए थी।  

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TAGS: shatrughan sinha, bjp, bihar election, चेतावनी, नाराजगी
OUTLOOK 21 August, 2015
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