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04 April 2016

पीलीभीत: फर्जी मुठभेड़ में 25 साल बाद 47 पुलिसर्मियों को उम्रकैद

साभार एनडीटीवी

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में जुलाई 1991 में 10 सिखों को आंतकवादी बताकर पुलिस वालों द्वारा मार देने के मामले में लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार को 47 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने दोषी पुलिसकर्मियों पर जुर्माना भी लगाया है। मुठभेड़ को हत्या करार देते हुए सीबीआई के विशेष जज लल्लू सिंह ने एक अप्रैल को फर्जी मुठभेड़ के लिए पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया था। आरोप था कि जुलाई 1991 में सिख तीर्थयात्रियों से भरी एक बस को रोक कर पुलिस वालों ने दस यात्रियों को बाहर उतार लिया। आरोपपत्र में कहा गया कि तीर्थयात्रियों की जंगल में ले जाकर हत्या कर दी गई और उसे मुठभेड़ बता दिया गया। सिख तीर्थ यात्री बिहार में पटना साहिब और महाराष्ट्र में हुजूर साहिब के दर्शन कर वापस लौट रहे थे।

 

यह वह दौर था जब पंजाब में आतंकवाद अपने चरम पर था। उसी समय राज्य के तराई क्षेत्र में कुछ आतंकवादी घटनाएं हुईं थीं। 25 सिख तीर्थयात्रियों का जत्था पटना स्थित पटना साहिब, महाराष्ट्र स्थित हुजूर साहिब के दर्शन के लिए 29 जून 19991 को यूपी के सितार गंज से निकला था। तीर्थयात्रा से लौटने के दौरान 12 जुलाई को पीलीभीत से पहले पुलिस वालों ने उनकी बस को घेर लिया। उस बस में 13 पुरुष, कुछ महिलाएं और 3 बच्चे थे। पुलिस ने महिलाओं, बच्चों और दो बुजुर्ग पुरुषों को छोड़ दिया, लेकिन 11 पुरुषों को बस से उतारकर अपने साथ लेते गए। बताया जाता है कि इनमें से एक तलविंदर सिंह को पुलिस ने मार कर नदी में बहा दिया, जिसकी लाश कभी नहीं मिली। बाकी बचे दस सिखों को पुलिस वाले पूरे दिन अपनी गाड़ी में घुमाते रहे और रात होने पर उनके हाथ पीछे बांधकर तीन अलग-अलग जंगलों में ले जाकर गोली मार दी गई। अगलेदिन पुलिस ने दावा किया कि उसने खालिस्तान लिबरेशन आर्मी और खालिस्तान कमांडो फोर्स के 10 आतंकवादियों को मार गिराया है। तीर्थ यात्रियों के परिवार वालों को जब यह पता चला तो हंगामा हो गया।

शुरुआत में मामले की जांच स्थानीय पुलिस के पास था, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच शुरू हुई। सीबीआई ने मामले में 178 गवाह बनाए, 207 दस्तावेज सबूत पेश किए और पुलिसकर्मियों के हथियार, कारतूस और 101 दूसरी चीजें भी सबूत के तौर पर पेश कीं। अंत में  सीबीआई ने अदालत में यह साबित कर दिया कि पुलिस ने अपना अच्छा काम दिखाकर पुरस्र पाने की लालच में तीर्थ यात्रियों को आतंकवादी बता कर मार डाला। सीबीआई ने कहा कि हत्या की वजह आतंकवादियों को मारकर पुरस्कार और पदोन्नति हासिल करना था।

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(एजेंसी इनपुट)

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TAGS: सीबीआई, विशेष अदालत, उत्तर प्रदेश, पीलीभीत, फर्जी मुठभेड़, सिख तीर्थयात्री, हत्या, पुलिसकर्मी, आजीवन कारावास, विशेष जज, लल्लू सिंह, बिहार, पटना साहिब, महाराष्ट्र, हुजूर साहिब
OUTLOOK 04 April, 2016
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