Advertisement
15 December 2020

NRC का सितम: असम में 104 साल के चंद्रहार की 'विदेशी' के रूप में मौत; बेटी- पिता भारतीय होकर मरना चाहते थे

File Photo

दो साल पहले 104 वर्षीय चंद्रहार नाम के शख्स का जब राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की फाइनल लिस्ट में नाम नहीं आया, तो उन्हें विदेशी करार देते हुए डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया था। जहां वो करीब 3 महीने तक रहे थे। बाद में उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया और जरूरी दस्तावेज जमा करने को कहा गया। जिससे उनकी नागरिकता साबित हो सके। लेकिन, रविवार की रात को चंद्रहार की हार्टअटैक से मौत हो गई।

एनआरसी की वजह से खतरे में पड़ी नागरिकता को लेकर पीएम मोदी ने अपने एक भाषण में कहा था कि किसी की भी नागरिकता नहीं जाएगी।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक असम के हिंदू बंगाली बहुल-बराक घाटी में सिलचर से करीब तीस किलोमीटर दूर रहने वाले 104 वर्षीय चंद्रहार दास को रविवार की शाम हार्ट अटैक आया और उनकी मौत घर पर हीं हो गई।

Advertisement

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बेटी नियु्ति दास कहती हैं, “घर में, गली में और सड़कों पर पीएम मोदी के पोस्टर लगे हैं। जहां भी नजर पड़ती है मैं हाथ जोड़ लेती हूं, क्योंकि मेरे पिता प्रधानमंत्री को भगवान मानते थे। भगवान जो सबकुछ ठीक कर देते हैं। नागरिकता का कानून आ गया है, लगभग एक साल हो गया है, लेकिन 'भगवान' ने क्या किया है?”

एक्सप्रेस से बातचीत में सिसकते हुए नियुति कहती हैं, “मेरे पिता भारतीय होकर मरना चाहते थे। उनकी इच्छा थी कि मरने से पहले उनके सिर से विदेशी का ठप्पा हट जाए और हमने पूरी कोशिश की। हम अदालत से वकील तक गए, सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी मिले। सभी कागज जमा किए थे। लेकिन कुछ ना हुआ। हम अभी भी कानून की नजर में 'विदेशी' हैं।”

  

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: NRC, 104 Assam, CAA, NRC, Indian Express, एनआरसी, सीएए, असम, इंडियन एक्सप्रेस
OUTLOOK 15 December, 2020
Advertisement