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24 December 2020

अब प्रवासी मजदूरों की भी देखभाल करेगी यूपी सरकार, अन्य राज्यों में होगी नोडल अफसरों की तैनाती

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कोविड काल में किस तरह यूपी के मजदूरों के साथ केजरीवाल की सरकार ने दोहरा मापदंड अपनाया था, किस तरह से कोविड के इलाज में दिल्ली वालों का पहले इलाज होगा, यह बयान दिया था। मुंबई में भी वह घटना याद होगी जब मराठी मानुष जैसे मुद्दे उठा कर उत्तर भारत के मजदूरों को मारा पीटा जाता था ,जिसमें यूपी के मजदूर सबसे ज्यादा होते हैं ऐसे कई हिंसक घटनाएं मुंबई कोलकाता और देश के महानगरों में देखे गए हैं। कोविड काल मे भी कुछ इसी तरह के के तस्वीरों यूपी के श्रमिको के साथ दिखी, मजदूर और कर्मचारियों के साथ राज्य सरकारों का दोहरा मानदंड था। यही सब कारण है कि अब योगी सरकार ने ऐसे बड़े महानगरों में यूपी के नोडल अधिकारी तैनात होंगे। उनकी तैनाती का एकमात्र उद्देश्य ही होगा,यूपी से गए मजदूर ,कर्मचारी छोटे पदों पर काम करने वाले ,यूपी के जनता का दुख दर्द उनकी मुश्किलें, तकलीफों को यह नोडल अधिकारी न सिर्फ देखेंगे बल्कि राज्य सरकार से बात करके उसका समाधान  निकाल लेंगे और साथ में यूपी सरकार को समय-समय पर फीडबैक भी देते रहेंगे ।

यह माना जा रहा है कि योगी सरकार इस कदम से यूपी के बाहर रह रहे यूपी के श्रमिक हो या फिर छोटे तबके के काम करने वाले मजदूर,कर्मचारी न सिर्फ उनके साथ संपर्क बनाए रखेंगे बल्कि यूपी की योजनाओं का लाभ राज्य के बाहर भी उनका उनको मिल सके और उनका डाटा बैंक बना रहे और जो भी बाहर है उन्हें कोई तकलीफ ना हो इस मकसद से यह कदम उठाया गया है। और जब चुनाव पास में हो तो सरकार के इस कदम में चुनाव का भी रंग देखने को मिल सकता है कि जब आप उनकी सुरक्षा ,उनके सामाजिक व्यवस्था को बेहतर करने के लिए इन श्रमिको का रुझान निश्चित ही बढ़ेगा और चुनाव में इसका फायदा संगठन को मिलेगा, तो सरकार के इस कदम का अर्थ बीजेपी के फायदे में भी जोड़ा जा सकता है। और चुनावी लाभ सरकार के इस काम से संगठन को भारतीय जनता पार्टी को मिलता दिखाई देगा।

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OUTLOOK 24 December, 2020
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