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08 October 2016

मप्र: आंकड़ों में घिरी भाजपा सरकार, करोड़ों को पोषाहार देने का दावा सवालों में

फाइल फोटो

मध्य प्रदेश सरकार का महिला बाल विकास विभाग खुद अपने ही आंकड़ों की बाजीगरी में उलझता नजर आ रहा है। पोषाहार का बजट ज्यादा दिखाने के लिए ज्यादा बच्चों को पोषाहार बांटने का सरकार का दावा सवालों के घेरे में आ गया है। विभाग का दावा है कि 2015-16 में 1.05 करोड़ बच्चों को पोषाहार बांटा गया है, जबकि पूरे प्रदेश की आबादी ही करीब सात करोड़ है। अगर विभाग के दावे को सही माना जाए तो राज्य का हर सातवां शख्स पोषाहार पा रहा है। जबकि सरकारी स्कूलों का आंकड़ा कुछ अलग ही कहता है। स्कूल शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चों की औसत संख्या महज 35 लाख रहती है।

अब ऐसे में कोई भी समझ सकता है कि आंकड़ों की बाजीगरी के पीछे खेल क्या है। अब जब इतनी अधित संख्या में बच्चों को पोषाहार का वितरण किया गया है तो फिर राज्य में कुपोषण के मामले सामने नहीं आने चाहिए। लेकिन इसका बिल्कुल उल्टा हो रहा है। कई स्थानों पर कुपोषण का मामला सामने आया है भले ही सरकार इसको स्वीकार करने में आना कानी करे। पिछले दिनों मानवाधिकार आयोग ने भी राज्य में डेढ़ सौ से अधिक बच्चों के कुपोषण से पीड़ित होने के मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी थी। अब देखना है कि विभाग कब अपने आंकड़े दुरुस्त करता है या इस संबंध में कोई ठोस जवाब देता है। लेकिन इतना तो तय है कि मामला कहीं न कहीं गड़ तो जरूर है। 

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TAGS: मध्य प्रदेश, भाजपा सरकार, आंकड़ा, पोषाहार बजट, शिवराज सिंह चौहान, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, कुपोषण, घपला, Madhya Pradesh, BJP Govt, Data, Poshahar Budget, Shivraj Singh Chauhan, Women and Child Development Department, School Education Departmen
OUTLOOK 08 October, 2016
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