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24 December 2020

बुरे फंसे शिवराज, अब अधिकारियों पर करनी होगी एफआईआर

लोकसभा चुनाव से पहले पड़े आयकर छापों में सामने आये अवैध लेने-देने के मामले में अधिकारियों पर मामला दर्ज करने का दबाव राज्य सरकार पर बढ़ता जा रहा है। केन्द्रीय चुनाव आयोग द्वारा राज्य के मुख्य सचिव व गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को दिल्ली तलब करने के बाद शिवराज सिंह पर कार्यवाही करने का दबाव आ गया है। राज्य सरकार इस मामले में जल्द ही कोई फैसला कर सकती है।


चुनाव आयोग की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार कुछ अधिकारियों पर एफआईआर करने जा रही थी। उसको देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने चेतावनी दे दी कि यदि कार्यवाही होती है तो कांग्रेस आंदोलन करेगी। इसके बाद राज्य सरकार ने अधिकारियों के खिलाफ होने जा रही कार्यवाही को रोक दिया था। अब चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को तबल कर कार्यवाही करने का दबाव बढ़ा दिया है। इन दोनों को दिल्ली जाकर बताना होगा कि आयोग की रिपोर्ट पर क्या कार्यवाही की है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर दोहरा संकट आ गया है। यदि वे कार्यवाही करते है तो पूरी भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की नाराजगी झेलनी पड़ेगी। इसके अलावा कांग्रेस के आंदोलन से अलग निपटना होगा। दूसरी ओर कुछ न करने पर चुनाव आयोग को जवाब देना मुश्किल होगा।

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चुनाव आयोग की रिपोर्ट में आधार पर राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण मिश्रा और तीन आईपीएस अधिकारी बी मधुकुमार, संजय माने और सुशोभन बैनर्जी के साथ मप्र सरकार के कुछ मंत्रियों, विधायकों और कांग्रेस के नेताओं व विधायकों के नाम हैं। मुख्यमंत्री-मुख्य सचिव ने कानूनी पक्ष भी लिया है कि जांच के बिंदू और कार्रवाई की दिशा क्या होगी। ईओडब्ल्यू को केस सौंपने के बाद की संभावनाओं पर भी विचार किया गया।

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TAGS: मध्यप्रदेश, आयकर छापेमारी, शिवराज सिंह चौहान, madhyapradesh, Shivraj singh chauhan, income tax
OUTLOOK 24 December, 2020
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