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05 July 2018

मध्य प्रदेश की मंत्री ने अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल, कहा- राज्य में सुरक्षित नहीं हैं बेटियां

file photo

हाल ही में वैश्विक विशेषज्ञों द्वारा किए गए एक सर्वे में भारत को महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देश बताया था। महिलाओं की स्थिति को लेकर सामने आई रिपोर्ट पर अब मध्य प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री माया सिंह ने भी अपनी मुहर लगा दी है। विकास मंत्री माया सिंह ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं।

बाहर तो दूर घर में ही सुरक्षित नहीं हैं बेटियां: माया सिंह

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर नगरीय विकास मंत्री माया सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने कहा कि बाहर तो दूर हमारे घरों में ही बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। मंदसौर में सात वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म की घटना से मैं बहुत व्यथित हूं। उन्होंने कहा कि ऐसे दरिंदों को सार्वजनिक स्थान पर फांसी की सजा दिए जाने का समर्थन करता हूं।

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हालांकि बाद में प्रदेश सरकार का पक्ष रखते हुए भी उन्होंने कहा दिल्ली में निर्भया कांड के बाद मध्य प्रदेश ने सबसे पहले मासूम बच्चों के साथ दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा देने का प्रस्ताव विधानसभा में पारित करते हुए कानून बनाया है।

बच्चियों और महिलाओं से दुष्कर्म मामले में पहले नंबर पर है एमपी

वहीं, सरकारी आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो मध्य प्रदेश बच्चियों और औरतों से बलात्कार के मामले में देश में पहले नंबर पर है। पिछले साल मध्य प्रदेश में 2,467 बच्चियों के साथ रेप की घटनाएं दर्ज हुईं, जो की देशभर में बच्चियों के साथ हुई रेप की वारदातों की कुल संख्या का आधा है। इनमें से 90 फीसदी मामलों में परिवार का कोई सदस्य या फिर कोई नजदीकी वारदात का आरोपी था।

आंकड़े ही बताते हैं कि प्रदेश में कितनी असुरक्षित हैं बेटियां

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश सिर्फ बलात्कार के मामलों में आगे होने के लिए कुख्यात नहीं है, बल्कि कथित तौर पर नाबालिगों द्वारा किए गए रेप के मामलों में भी सबसे आगे हैं। साल 2016 में नाबालिगों के खिलाफ मध्यप्रदेश में 442 रेप केस दर्ज किए गए, जबकि महाराष्ट्र में 258 और राजस्थान में 159 रेप केस दर्ज हुए।

रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक प्रदेश केवल महिलाओं के लिए असुरक्षित था लेकिन अब यह बच्चियों के लिए भी काल बनता जा रहा है। प्रदेश में बच्चियां कितनी असुरक्षित हैं वो तो ऊपर दिए गए आंकड़े ही बयां करते हैं।  

महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देश भारत: सर्वे

 

26 जून को वैश्विक विशेषज्ञों द्वारा किए गए सर्वे में भारत को महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देश बताया गया था। हाल ही में थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन द्वारा हुए सर्वे में महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न और उन्हें सेक्स वर्कर के धंधे में जबरन धकेलने के कारण भारत को सबसे असुरक्षित देश माना गया है।

 

वहीं, इस सर्वे में अफगानिस्तान, सीरिया और अमेरिका को दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर रखा गया है। थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन के एक सर्वे के मुताबिक भारत में महिलाओं के प्रति अत्याचार और उन्हें जबरन वैश्यावृत्ति में धकेलने के मामले सबसे ज्यादा सामने आए हैं।

 

सर्वे में पश्चिम देशों में केवल अमेरिका का ही नाम है। पिछले कुछ दिनों में अमेरिका में महिलाओं के प्रति हिंसा की गतिविधियां बढ़ी हैं।

 

महिलाओं की असुरक्षा को लेकर पहले स्थान पर भारत

 

इससे पहले 2011 में हुए सर्वे में अफगानिस्तान, डैमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो, पाकिस्तान, भारत और सोमालिया महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देश बताए गए थे। 2011 में हुए सर्वे में भारत को भारत को चौथे स्थान में रखा गया था। लेकिन इस साल सारे देशों को पीछे छोड़ भारत को महिलाओं की असुरक्षा की दृष्टि से पहला स्थान दिया गया है, जिससे साफ पता चलता है कि भारत महिलाओं के लिए दिनों दिन कितना खतरनाक होता जा रहा है।

 

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TAGS: Madhya Pradesh, minister, questions, own government, daughters, are not safe, in the state
OUTLOOK 05 July, 2018
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