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18 December 2015

उत्तर प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति पर क्यों उठे सवाल

गूगल

इसके बाद से चंद्रचूड़ ने सवाल उठाया कि बिना उनकी जानकारी के वीरेंद्र सिंह को लोकायुक्त कैसे बना दिया गया। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार ने जिन पांच नामों की सूची सौंपी थी उसमें वीरेंद्र सिंह का नाम नहीं शामिल था। वीरेंद्र सिंह को समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव का करीबी माना जाता है। इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार जस्टिस रविंद्र सिंह को लोकायुक्त बनाना चाहती थी लेकिन इसको लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सहमत नहीं थे और राज्यपाल भी इससे सहमत नहीं थे। गौरतलब है कि राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति में मुख्यमंत्री, विधानसभा में विपक्ष के नेता, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और राज्यपाल की भूमिका होती है।

वीरेंद्र सिंह की नियुक्ति से नाराज इलाहाबाद के मुख्य न्यायाधीश ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और प्रदेश के राज्यपाल को पत्र लिखकर नाराजगी जताई है। पत्र में उन्होने लिखा है कि वीरेंद्र सिंह के नाम से वह असमत थे फिर भी उत्तर प्रदेश सरकार ने पांच नामों की सूची में सबसे पहला नाम उन्हीं का दिया। बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कुछ लोग अपील करने की तैयारी कर रहे हैं। 

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TAGS: उत्तर प्रदेश, लोकायुक्त, अखिलेश यादव, हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट, अखिलेश यादव, high court, akhilesh yadav, up
OUTLOOK 18 December, 2015
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