झारखंड: अब दलितों के घरों को समुदाय विशेष द्वारा तोड़े जाने का मामला पकड़ रहा है रंग, राज्यपाल ने पलामू डीसी से मांगी रिपोर्ट
झारखंड में तेज राजनीतिक अस्थिरता के बीच अपराध के संगीन मामले भी रंग दिखा रहे हैं। दुमका में सिरफिरे आशिक द्वारा पेट्रोल फेंक कर अंकिता को मार डालने के साथ चतरा की नाबालिग पर एसिड अटैक और मशहूर भाजपा नेत्री अवकाश प्राप्त आईएएस महेश्वर पात्रा की पत्नी सीमा पात्रा द्वारा अपनी काम करने वाली सुनीता के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला तूल पकड़े हुए था इसी बीच पलामू में मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा करीब डेढ़ दर्जन मुसहरों (महादलित) के घरों को ढाह दिये जाने के मामले ने रंग पकड़ना शुरू कर दिया है। सोमवार को पलामू जिला के पांडू थाना के मुरूमातू गांव में पहाड़ की तलहट्टी में मुसहरों की बस्ती पर हमला हुआ था। कच्चे, अधकच्चे आवास ध्वस्त कर दिये गये और रात में जेसीबी चलाकर जमीन को समतल कर दिया गया। वहां के मुस्लिमों का कहना है कि मुसहर समाज के लोग नाजायज तरीके से मदरसा की जमीन पर कब्जा कर के रह रहे थे। मुसहरों को पहले भी जमीन खाली करने को लेकर धमकी दी गई थी।
अंकिता हत्या और सीमा पात्रा मामले में तीखी टिप्पणी करने वाले राज्यपाल रमेश बैस ने इस घटना पर चिंता जाहिर की। पलामू के मुरुमातु गांव में कुछ समुदाय विशेष के लोगों द्वारा कथित लगभग 50 महादलित परिवारों के घर ध्वस्त कर बेघर करने की खबर पर अपनी चिंता प्रकट करते हुए और घटना का संज्ञान लेते हुए उपायुक्त, पलामू को सम्पूर्ण घटना के संदर्भ में दो दिनों के अंदर एक विस्तृत जांच प्रतिवेदन समर्पित करने का निदेश दिया।
घटना की जानकारी मिलने के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के निर्देश पर भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभात भुइयां के नेतृत्व में एक टीम ने घटना स्थल की दौरा कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। प्रभात भुइयां ने कहा कि पहले महादलित परिवार को मुर्गा चावल का लालच दिया गया, कहा गया कि इस जगह को खाली करना है। जबरन सभी को 500-500 रुपये और चावल दिये गये। इस क्रम में कुछ लोगों के साथ मारपीट भी की गई। जबरन लोगों से समझौता मस्विदा पर दस्तखत कराये गये।
मंगलवार को एसडीएम एवं एसडीपीओ ने घटना स्थल पर जा कर मामले की जांच की। जिला प्रशासन ने जब बेघर महादलितों को उनकी जमीन पर टेंट लगा कर पुनर्वासित करने की कोशिश की तो वहां विशेष समुदाय की महिला और बच्चों ने पुलिस का विरोध किया। जिन्हें तत्काल एक स्कूल में रखने की व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर विवादित जमीन पर 144 लगा दिया है। पलामू एसडीओ राजेश शाह ने कहा है कि सूचना ही मिलते ही प्राथमिकी दर्ज की गई। आगे की कार्रवाई की जा रही है। पीड़ितों को पुनर्वासित करने का इंतजाम किया जा रहा है।