झारखंड: मॉब लिंचिंग मामले में तीन गिरफ्तार, परिवार का आरोप- भीड़ ने लगवाए जय श्रीराम के नारे
झारखंड के सरायकेला खरसावां में झारखंड में ‘मॉब लिंचिंग’ के शिकार मुस्लिम युवक की छह दिन बाद अस्पताल में मौत हो गयी। 17 जून को 22 वर्षीय शम्स तबरेज को कुछ लोगों ने बाइक चुराने के नाम पर घेर लिया था। तबरेज को भीड़ ने पीट-पीटकर बुरी तरह घायल किया फिर उसे पुलिस के हवाले कर दिया, जिसके बाद रविवार को अस्पताल में उसकी मौत हो गई। वहीं मृत युवक के परिवार वालों ने इसे सांप्रदायिक हमला बताया है। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हुआ है। इसमें देखा जा सकता है कि किस तरह युवक को खंभे से बांधकर पीटा गया। तबरेज को रविवार सुबह सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर जमशेदपुर के टाटा मेन अस्पताल में रेफर कर दिया गया। यहां पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना पाकर मृतक के परिजन इक्ट्ठा हुए और पुलिस प्रशासन, जेल प्रशासन और अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाए।
परिवार ने हमले को सांप्रदायिक बताया
तबरेज के परिवार ने आरोप लगाया है कि हमला सांप्रदायिक था और उन्हें 'जय श्री राम' और 'जय हनुमान' के नारे लगाने के लिए कहा गया था। परिवार का कहना है कि कुछ स्थानीय लोगों ने तबरेज की पिटाई की और बाद में उसे पुलिस को सौंप दिया। उस पर चोरी का संदेह था लेकिन यह एक सांप्रदायिक हमला था। उसे इसलिए पीटा गया क्योंकि उसका मुस्लिम नाम था।
पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
तबरेज के रिश्तेदार मकसूद आलम ने कहा, "हमें अस्पताल में उनसे मिलने नहीं दिया गया। हमारे पास घटना का वीडियो है। मैं दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग करता हूं।"
एक अन्य रिश्तेदार ने कहा "हम उस समय ड्यूटी पर रहे पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं।"
क्या कहती है पुलिस?
पुलिस ने कहा कि इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और आगे की जांच चल रही है।
एजेंसी इनपुट