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23 September 2015

मुझे अगवा किया गया थाः हार्दिक पटेल

गूगल

पटेल आंदोलन के नेताओं के अनुसार, हार्दिक ने उन्हें दोपहर के आसपास फोन किया और उनसे कहा कि वे उन्हें राजमार्ग से ले लें। पाए जाने पर हार्दिक ने दावा किया कि हथियारबंद व्यक्ति ने उनका अपहरण कर लिया था।

 

हार्दिक ने संवाददाताओं को बताया,  कुछ लोगों ने बयाड़ (अरावली जिले में) के समीप मेरी कार का पीछा किया, इसके बाद कुछ लोगों ने मुझे उठा लिया और मुझे पूरी रात कार में बैठाए रखा गया। उन्होंने कहा,  मुझे धमकी दी गई कि या तो इस आंदोलन को छोड़ दो या मुझे खत्म कर दिया जाएगा। एक व्यक्ति ने मुझे यह कहते हुए धमकी दी कि यह पहली और आखिरी चेतावनी है और यदि मुझे किसी गांव में किसी रैली को संबोधित करते पाया गया तो मुझे खत्म कर दिया जाएगा। हार्दिक ने कहा,  पूरी रात मुझे धमकियां देने के बाद और बयाड़ से ले जाए जाने के बाद उस आदमी ने मुझे सुरेंद्रनगर के धरांगधारा तालुका में एक गांव में छोड़ दिया।

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उन्होंने कहा,  मुझे नहीं पता कि वह कौन था, कोई पुलिसवाला था या कोई और लेकिन उसके पास रिवाल्वर थी। उन्होंने कहा,  मैं उस व्यक्ति के बारे में जानना चाहता था और यह जानना चाहता था कि किसके कहने पर उसने मुझे पूरी रात अपने कब्जे में रखा। उनकी मौजूदा स्थिति के बारे में पूछे जाने पर हार्दिक ने कहा कि वह सुरेंद्रनगर जिले में हलवाड राजमार्ग पर हैं। इस बीच गांधीनगर रेंज के आईजी हसमुख पटेल ने कहा कि वे उनका (हार्दिक का) पता नहीं लगा सके लेकिन यदि वह पाए जाते हैं तो उन्हें अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा।

 

पटेल ने बताया , हमें पता चला कि हार्दिक पटेल धरांगधारा और हलवाड के बीच कहीं हैं। लेकिन चूंकि हमें उनका सटीक पता ठिकाना नहीं मालूम था, हम उन्हें अब तक तलाश नहीं सके हैं। आईजी ने साथ ही कहा,  सुरेंद्रनगर पुलिस के पास भी उनके मौजूदा पते के बारे में कोई विशेष सूचना नहीं है। अधिकारी ने कहा, यदि हम उनका पता लगा लेते हैं, तो हमारी पहली प्राथमिकता उन्हें उच्च न्यायालय के समक्ष पेश करने की होगी। यदि वह किसी परेशानी में हैं जैसा कि उनके वकील ने दावा किया है तो निश्चित रूप से हम उनकी मदद करेंगे।

 

इससे पूर्व आज सुबह पटेल के एक सहयोगी ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर आरोप लगाया कि पुलिस ने हार्दिक को अवैध रूप से हिरासत में रखा है जिसपर आधी रात के बाद सुनवाई करते हुए गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को उन्हें खोजने का निर्देश दिया। पुलिस ने इससे पहले दावा किया था कि वह अरावली जिले में बिना पूर्व अनुमति के कथित तौर पर जनसभा आयोजित करने के बाद हार्दिक को हिरासत में लेने के लिए गई थी लेकिन हार्दिक चकमा दे कर निकल गए थे।

 

एक विशेष घटनाक्रम में न्यायमूर्ति एम.आर. शाह और न्यायमूर्ति के.जे. ठाकेर की एक पीठ ने रात में एक बजकर 20 मिनट पर हार्दिक के सहयोगी दिनेश पटेल की याचिका पर सुनवाई की जिसमें उन्होंने हार्दिक को प्रस्तुत करने के लिए प्रशासन को निर्देश दिए जाने में अदालत के हस्तक्षेप की मांग की थी। अदालत ने गुजरात सरकार, पुलिस महानिदेशक, रेंज महानिरीक्षक और अरावली जिला पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर कल जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

 

हार्दिक ने बिना पूर्व अनुमति के कल अरावली जिले के बयाड तालुका में कथित तौर पर एक जनसभा आयोजित की थी। बैठक के बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश की लेकिन आईजी हसमुख पटेल के मुताबिक वह वहां से निकलने में सफल रहे। पुलिस ने बाद में निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के लिए हार्दिक और 20 अन्य के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की।

 

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TAGS: हार्दिक पटेल, गुजरात, पटेल आरक्षण आंदोलन, पुलिस, अगवा, सुरेंद्रनगर, Hardik Patel, Gujarat, Patel reservation agitation, police, kidnapped, Surendranagar
OUTLOOK 23 September, 2015
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