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12 April 2016

केरल: पूजा स्थलों के निकट तेज आवाज वाली आतिशबाजी पर बैन

गूगल

केरल उच्च न्यायालय ने पुत्तिंगल मंदिर में हुए हादसे के संबंध में अपने एक न्यायाधीश के पत्र को ही जनहित याचिका मानते हुए मंगलवार को पूजा स्थलों पर सूर्यास्त से लेकर सूर्योदय तक आवाज करने वाली आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया। यह आदेश ऐसे दिन आया है जब राज्य सरकार ने प्रतिबंध लगाने या नहीं लगाने पर विचार करने के लिए गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसी के साथ ही अदालत ने राज्य सरकार से मंदिर हादसे की सीबीआई जांच की जरूरत पर विचार करने को भी कहा। सुनवाई के दौरान अदालत ने आरोपियों के खिलाफ अपराध के सिलसिले में कानून की हल्की धाराएं लगाने के लिए पुलिस पर नाराजगी जताते हुए पूछा कि उन लोगों पर गैर इरादतन हत्या की धाराएं क्यों नहीं लगाई जा रही हैं। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि दिन के समय विस्फोटकों की आवाज स्वीकार्य सीमा से ज्यादा नहीं हो सकती। त्योहारों के समय में रात के वक्त बिना आवाज वाली आतिशबाजी की जा सकती है। उच्च न्यायालय ने आशंका जताते हुए पूछा कि क्या रविवार की दुर्घटना में कोई राष्ट्रविरोधी तत्व शामिल था क्योंकि इलाके के चारों तरफ समुद्र है।

 

हादसे के बाद पुलिस की अति सक्रियता को देखते हुए मंदिर न्यास के अध्यक्ष जयलाल, सचिव जे. कृष्णनकुट्टी और सदस्य शिव प्रसाद, सुरेन्द्रन पिल्लै, रविन्द्रन पिल्लै ने आज तड़के अपराध शाखा के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। प्रबंधन समिति के दो अन्य सदस्यों सुरेन्द्रनाथन पिल्लै और मुरूगेसन को भी पुलिस ने आज सुबह गिरफ्तार कर लिया। आज की गिरफ्तारी में दो पटाखा ठेकेदारों के यहां काम करने वाले छह मजदूर भी शामिल हैं। वहीं रविवार को हुए हादसे में घायल हुए दो लोगों आज मौत हो गई। मरने वाले दो लोगों में एक सुरेन्द्रन नाम का व्यक्ति भी है जो पटाखों का ठेकेदार था। हादसे में वह 90 फीसदी तक जल चुका था। कोल्लम और राज्य की राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती 27 लोगों की हालत अब भी नाजुक है और नजदीकी परावूर से कम से कम 21 लोग रविवार की दुर्घटना के बाद से लापता हैं।

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TAGS: केरल, कोल्लम, पूजा स्थल, तेज आवाज, आतिशबाजी, प्रतिबंध, पुत्तिंगल मंदिर, हादसा, मंदिर प्रबंधन समिति, मौत, केरल उच्च न्यायालय, जनहित याचिका, राज्य सरकार, सर्वदलीय बैठक, ओम्मन चांडी
OUTLOOK 12 April, 2016
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