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22 December 2017

आदर्श घोटालाः महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण पर नहीं चलेगा मुकदमा

2जी घोटाले में सभी आरोपियों को बरी किए जाने के बाद कांग्रेस के लिए एक और राहत की खबर आई है। बांबे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस सांसद अशोक चव्हाण के खिलाफ आदर्श हाउसिंग सोसायटी मामले में मुकदमा चलाए जाने पर रोक लगा दी है। जज आरवी मोरे की खंडपीठ ने रोक लगाते हुए कहा कि चव्हाण के खिलाफ सीबीआई सबूत पेश करने में नाकाम रही है।

पिछले साल फरवरी में महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने आदर्श घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण पर मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई को मंजूरी दी थी। राज्यपाल ने चव्हाण पर सीआरपीसी की धारा 197, आईपीसी की धारा 120-बी (षडयंत्र) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। जब यह घोटाला सामने आया था तब चव्हाण महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। आरोप लगने के बाद नवंबर 2010 में उन्‍हेें मुख्‍यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। 

नांदेड से सांसद चव्हाण पर आदर्श सोसायटी में अपने रिश्तेदारों को दो फ्लैट दिलाने के लिए सोसायटी के लिए अतिरिक्त फ्लोर स्पेस इंडेक्स को मंजूरी देने का आरोप था। उन पर तत्कालीन राजस्व मंत्री रहते हुए 40 प्रतिशत फ्लैटों का आवंटन असैन्य लोगों को अवैध तरीके से करने का भी आरोप लगाया गया था। सीबीआई ने दिसंबर 2013 में एफआईआर में उनका नाम शामिल किया था। उस समय तत्कालीन राज्यपाल के. शंकरनारायणन ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं दी थ्‍ाी। हालांकि मार्च 2015 में हाई कोर्ट ने चव्हाण की वह याचिका खारिज कर दी थी जिसमें उन्होंने राज्यपाल के आदेश का हवाला देते हुए इस मामले से अपना नाम हटाने की मांग की थी। इसके बाद सीबीआई ने दोबारा राज्यपाल से मुकदमा चलाने की इजाजत मांगी थी। 

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TAGS: बांबे हाई कोर्ट, अशोक चवहाण, आदर्श घोटाला, Bombay HC, Ashok Chavan, Adarsh Case
OUTLOOK 22 December, 2017
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