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21 December 2022

जेल से बाहर आने के लिए अनिल देशमुख को करना होगा इंतजार, बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत पर रोक 27 तक बढ़ाई

भ्रष्टाचार मामले में जेल में बंद महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की जमानत पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने 27 दिसंबर तक रोक लगा दी है। हालंकि न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की एकल पीठ ने 12 दिसंबर को 73 वर्षीय राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता को भ्रष्टाचार के मामले में जमानत दे दी थी।

हाईकोर्ट ने देशमुख को जमानत देते हुए कहा था कि बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाज़े के बयान को छोड़कर, सीबीआई द्वारा रिकॉर्ड किए गए किसी भी बयान से संकेत नहीं मिलता है कि राजनेता के इशारे पर मुंबई में बार मालिकों से पैसे वसूले गए थे।

लेकिन कोर्ट ने कहा था कि यह आदेश 10 दिनों के बाद प्रभावी होगा, क्योंकि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इसे शीर्ष अदालत में चुनौती देने के लिए समय मांगा है।

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वहीं, जांच एजेंसी ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया लेकिन याचिका पर अवकाश के बाद जनवरी 2023 में ही सुनवाई होगी। सीबीआई ने मंगलवार को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अनिल सिंह के माध्यम से हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति कार्णिक से पहले की रोक को 3 जनवरी तक बढ़ाने का आग्रह किया।

हालांकि, देशमुख की ओर से पेश अनिकेत निकम ने कहा कि उनके (सीबीआई) पास शीर्ष अदालत में उपलब्ध अवकाश रजिस्ट्रार से संपर्क करने का उपाय है। लेकिन वे इसका प्रयोग नहीं करना चाहते हैं। निकम ने तर्क दिया, "मेरी स्वतंत्रता को एक और दिन के लिए क्यों कम किया जाना चाहिए जब मुझे पूरी सुनवाई के बाद जमानत दी गई है।"       

एएसजी सिंह ने इसका जवाब देते हुए कहा कि उनके (सीबीआई के) सुप्रीम कोर्ट के वकील ने रजिस्ट्री से संपर्क किया था, लेकिन मामले को सूचीबद्ध करना बहुत मुश्किल था। उन्होंने दलील दी कि देशमुख के जमानत आदेश पर रोक को कम से कम मंगलवार (27 दिसंबर) तक बढ़ाया जा सकता है।

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TAGS: Corruption case, Bombay HC, ex-Maharashtra minister Anil Deshmukh, bail order, December 27
OUTLOOK 21 December, 2022
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