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31 August 2017

ब्लू व्हेल सुसाइड: लड़के ने लिखा, 'एक बार इसमें फंस गए तो बाहर नहीं निकल सकते'

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ब्लू व्हेल चैलेंज गेम अब तक कई लोगों की जान ले चुका है। ये दु:खद है कि भारत में भी ज्यादातर युवा इसके शिकार हुए हैं। ताजा मामला चेन्नई का है। बुधवार को थिरूमंगलम के 19 साल के एक लड़के विग्नेश ने आत्महत्या कर ली। विग्नेश मन्नार कॉलेज में सेकंड इयर का छात्र था। उसे करीब शाम 4-15 बजे फंदे से लटका हुआ पाया गया।

पुलिस ने बताया कि उसके बाएं हाथ पर व्हेल का निशाना कुरेदा हुआ था और उसके नीचे ब्लू व्हेल लिखा हुआ था।

साथ ही एक सुसाइड नोट भी मिला जिसमें कहा गया था कि, 'ब्लू व्हेल, ये एक खेल नहीं खतरा है। एक बार आप इसमें फंस गए तो बाहर नहीं निकल सकते।'

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विग्नेश के दोस्तों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने विग्नेश को फोन पर ब्लू व्हेल चैलेंज खेलने का प्रयास करते हुए देखा था। चूंकि ब्लू व्हेल गेम का कोई ऐप या वेबसाइट नहीं है और कोई शख्स फोन से ही सारे डायरेक्शन देता है इसलिए दोस्तों का कहना था कि विग्नेश के हाथ में जरूरत से ज्यादा फोन दिखता था।

केस में बाकी की छानबीन अभी चल रही है। तमिलनाडु पुलिस ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी कर माता-पिता को बच्चों पर नजर रखने को कहा था।मदुरई के एसपी ने बताया कि समाचार मिलने के बाद हुई पड़ताल में सामने आया है कि लड़का पिछले 50 दिनों से ब्लू व्हेल गेम खेल रहा था। उन्होंने बताया कि इसके लिए एक स्पेशल सेल का गठन किया गया है और साइबर क्राइम विंग से भी मदद ली जा रही है। एसपी ने बताया कि पुलिस ने एक व्हाट्स ग्रुप भी बनाया है, जिसमें अगर कोई बच्चा ब्लू व्हेल गेम खेल रहा है तो उसके माता-पिता सूचना दे सकते हैं।

इसी तरह मुंबई के 14 वर्षीय मनप्रीत ने कथित तौर पर इस गेम को खेलकर 5वीं मंजिल से छलांग लगा दी थी। उसके बाद इस तरह के कई केस सामने आ चुके हैं।

वहीं इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक बच्ची, एक महिला को बता रही है कि कैसे उससे ब्लू व्हेल गेम डाउनलोड करने को कहा गया। बच्ची को महिला की भतीजी बताया गया है। लेकिन सवाल ये भी है कि ब्लू व्हेल गेम को डाउनलोड करने का कोई ऑप्शन नहीं है इसलिए बच्ची यह बात कैमरे के आगे कैसे बता रही है। फिर भी ब्लू व्हेल गेम के खतरनाक होने से इनकार नहीं किया जा सकता और इस वीडियो से माता-पिता भी सबक ले सकते हैं कि उन्हें अपने बच्चों पर नजर रखनी चाहिए। वीडियो ये रहा-

क्या है ब्लू व्हेल गेम?

यह गेम सोशल मीडिया के जरिए फैलाया जा रहा है। इस गेम में 50 दिन का एक टास्क दिया जाता है, जिसमें आखिरी दिन आत्महत्या का टास्क होता है। खिलाड़ी उसे पूरा करने और जीतने के लिए कुछ भी कर जाता है। इसका गेम का नाम ब्लू व्हेल इसलिए पड़ा क्योंकि हाथों में डॉट बनाकर उसे ब्लू व्हेल का आकार देना होता है, एक-दूसरे से डॉट को जोड़कर ये गेम खेला जाता है।

सोशल मीडिया पर लोग बता रहे हैं कि ‘द ब्लू व्हेल गेम' में 50 दिन तक टास्क बताए जाते हैं।  हर टास्क को पूरा करने पर हाथ पर एक कट करने के लिए कहा जाता है। जिसमें आखिर में व्हेल की आकृति हाथों पर उभरती है। इसमें हाथ पर ब्लेड से एफ-57 उकेरकर फोटो भेजने को कहा जाता है। साथ ही सुबह 4:20 बजे उठकर हॉरर वीडियो देखने के लिए और क्यूरेटर को भेजने के लिए कहा जाता है। सुबह ऊंची से ऊंची छत पर जाने को कहा जाता है। व्हेल बनने के लिए तैयार होने पर अपने पैर में 'यस' उकेरना होता है, और नहीं तैयार होने पर अपने को चाकू से कई बार काटकर सजा देना होता है। इस तरह इसमें कई खतरनाक स्टेप अपनाने के लिए बहकाया जाता है।

'द ब्लू व्हेल गेमकी शुरुआत

बताया जाता है कि 'द ब्लू व्हेल गेम' को 25 साल के रूसी नागरिक फिलिप बुडेकिन ने 2013 में बनाया था। इस गेम में सुसाइड का पहला मामला साल 2015 में रूस में आया था। इसके बाद फिलिप को जेल की सजा हो गई। न्यूज-18 के मुताबिक फिलिप दावा करते हैं, “यह गेम समाज में सफाई के लिए है। खुदकुशी करने वाले बायोलॉजिकल वेस्ट होते हैं।”

अभिभावकों को ध्यान देना जरूरी

इस मामले के सामने आने के बाद ब्रिटेन की चाइल्ड प्रोटेक्शन संस्था नेशनल सोसाइटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू चिल्ड्रेन (NPCC) ने कहा है कि बच्चों को भीड़ को फॉलो नहीं करना चाहिए और ऐसी चीजें करने से बचना चाहिए। वहीं एचटी के मुताबिक इस घटना के बाद महाराष्ट्र की पुलिस ने बच्चों के अभिभवकों को अागाह करना शुरू कर दिया है।

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OUTLOOK 31 August, 2017
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