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31 December 2017

क्या है 'मेहरम' का मतलब, जिसके बिना मुस्लिम महिलाएं अब हज पर जा सकती हैं

तीन तलाक के बाद अब पीएम मोदी ने हज यात्रा को लेकर मुस्लिम महिलाओं के समर्थन की बात कही है। रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में पीएम मोदी ने इस बात का जिक्र किया।

पुरुष अभिभावक के बिना महिलाओं के हज यात्रा पर रोक को भेदभाव और अन्यायपूर्ण बताते हुए पीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने इसे खत्म कर दिया है। पीएम मोदी साल के अंतिम 'मन की बात' कार्यक्रम में कहा कि अब पुरुषों के बिना हज यात्रा पर जा सकती हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि इस बारे में 1300 मुस्लिम महिलाएं मेहरम के बिना हज जाने के लिए आवेदन कर चुकी हैं और देश के अलग-अलग भागों से केरल से लेकर उत्तर भारत की महिलाओं ने बढ़-चढ़ करके हज यात्रा करने की इच्छा जाहिर की है।

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उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी यह भेदभाव कायम था। मैं इस बात से हैरान था कि यह अन्याय कैसे हो सकता है। जब मैंने इस बारे में पता किया तो  मुझे पता चला कि वह हम लोग ही हैं, जिन्होंने महिलाओं के अकेले हज पर जाने पर रोक लगा रखी है। कई मुस्लिम देशों में भी ऐसा नहीं होता। हमने इस परंपरा को हटा दिया। बता दें कि नयी हज यात्रा के नई नीति के तहत 45 साल की उम्र की मुस्लिम महिलाएं के बिना मेहरम एक साथ हज यात्रा पर जा सकती हैं।

क्या है 'मेहरम' का मतलब?

इस्लाम में मेहरम का बड़ा महत्व है। इसका जिक्र उन लोगों के लिए किया जाता है, जिनसे मुस्लिम महिला का निकाह नहीं हो सकता। सफर में मुस्लिम महिलाओं को मेहरम के साथ जाने की इजाजत है। जैसे- पिता, भाई, बेटा, दामाद, भतीजा, धेवता और पोता। महिला अपने शौहर के साथ सफर पर जा सकती है। ये शरई कानून सऊदी अरब हुकूमत में लागू हैं। लिहाजा बिना मेहरम या शौहर के औरत का हज का सफर नाजायज माना जाता है।

मेहरम ना मिलने पर

इस्लाम में माना जाता है कि अगर किसी औरत को हज पर जाना हो तो वह तब तक हज पर नहीं जा सकती, जब तक उसके साथ जाने वाले किसी मेहरम या शौहर का इंतजाम ना हो जाए।

कुरआन में जिक्र

कुरआन में हज तीर्थयात्रा के संबंध में करीब 25 आयतें हैं। इसमें हज तीर्थयात्रियों के लिए कई निर्देश दिए गए हैं हालांकि इनमें इनमें मेहरम की अनिवार्यता का जिक्र नहीं है। हालांकि सऊदी अरब जहां पवित्र काबा स्थित है, वहां महिला तीर्थयात्रियों के लिए मेहरम की अनिवार्यता है।

हदीथ के मुताबिक, मोहम्मद पैगंबर ने हज तीर्थयात्रा के दौरान संभावित खतरे को देखते हुए सुरक्षा के मद्देनजर ऐसे निर्देश दिए थे। पहले हज तीर्थयात्रा के दौरान लुटेरों और चोरों से भी सुरक्षा की भी आवश्यकता होती थी। शुष्क मरुस्थल में यात्रा करना और भी कठिन था हालांकि आधुनिक समय में अब काफी बदलाव हो चुके हैं।

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TAGS: pm modi, man ki baat, mehram
OUTLOOK 31 December, 2017
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