Advertisement
27 September 2021

किसान संगठनों का आज भारत बंद, कई राजनीतिक दलों ने दिया समर्थन, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे किया जाम, गाजीपुर बॉर्डर भी बंद

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेतृत्व में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले किसानों ने आज भारत बंद का आह्वान किया है। 10 घंटे के इस राष्ट्रव्यापी बंद को कई गैर-राजग दलों ने समर्थन दिया है। एसकेएम ने सोमवार को बंद के दौरान पूर्ण शांति की अपील की और सभी भारतीयों से हड़ताल में शामिल होने का आग्रह किया।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत कहा कि आज शाम 4 बजे तक बंद रहेगा। लोगों से अनुरोध है कि लंच के बाद ही निकलें, नहीं तो जाम में फंसे रहेंगे। एम्बुलेंस को, डॉक्टरों को, ज्यादा ज़रूरतमंदों को निकलने दिया जाएगा। दुकानदारों से भी अपील की है कि आज दुकानें बंद रखें।

वहीं अब बंद का असर दिखने लगा है। आंदोलित किसानों ने सुबह ही दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे जाम कर दिया है। एनएच 24 और एनएच9 दोनों को ब्लॉक कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर ट्रैफिक को लेकर अलर्ट किया है। उसने कहा है कि यूपी से गाजीपुर की ओर ट्रैफिक मूवमेंट फिलहाल रोक दिया गया है। उधर गाजियाबाद पुलिस ने भी ट्रैफिक डायवर्जन को लेकर यात्रियों को अलर्ट जारी किया है।हरियाणा के बहादुरगढ़ में किसान रेलवे ट्रैक पर बैठ गए हैं, जिससे रेलगाड़ियों का आवागमन प्रभावित हुआ है।

Advertisement

चालीस से ज्यादा किसान संगठनों के निकाय एसकेएम ने एक बयान में कहा, ‘‘पिछले साल 27 सितंबर, 2020 को राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने 3 किसान विरोधी काले कानूनों को मंजूरी दी थी और उन्हें लागू किया था। सोमवार सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक देशभर में पूरी तरह से बंद रहेगा।’’

इसमें कहा गया कि किसान यूनियनों ने अपने समर्थकों के साथ ट्रेड यूनियनों समेत, यह सुनिश्चित करने के लिए एक विस्तृत योजना बनायी है कि आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर, देशभर में कल जनजीवन निलंबित रहे। बयान में कहा गया है, ‘‘यह देश के अन्नदाताओं (किसानों) को समर्थन व्यक्त करने का दिन है, जो सभी भारतीयों को जीवित रखते हैं।’’

इस बंद का कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, तेलुगु देशम पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, वाम दलों और स्वराज इंडिया ने समर्थन किया है।

कांग्रेस महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस और उसके कार्यकर्ता सोमवार को किसान यूनियन द्वारा आहूत किये गए शांतिपूर्ण 'भारत बंद' को अपना पूरा समर्थन देंगे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हम अपने किसानों के अधिकार में विश्वास करते हैं और काले कृषि कानूनों के खिलाफ उनकी लड़ाई में हम उनके साथ खड़े रहेंगे।’’ वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्षों, संगठन प्रमुखों से अनुरोध है कि वे देशभर में शांतिपूर्ण भारत बंद में हमारे अन्नदाता के साथ आएं।’’

वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया, ‘‘केन्द्र द्वारा जल्दबाजी में बनाए गए तीन कृषि कानूनों से असहमत और दुखी देश के किसान इनकी वापसी की मांग को लेकर लगभग 10 महीने से पूरे देश व खासकर दिल्ली के आसपास के राज्यों में आन्दोल कर रहे हैं और उन्होंने सोमवार को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है जिसके शांतिपूर्ण आयोजन को बसपा का समर्थन।’’

वहीं केरल में, सत्तारूढ़ एलडीएफ और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ, दोनों ने किसानों के देशव्यापी बंद का समर्थन किया है, जबकि भाजपा ने बंद को ‘‘जनविरोधी’’ करार दिया है।

इंटक के प्रदेश अध्यक्ष आर चंद्रशेखरन ने बताया कि चूंकि बंद को एलडीएफ और यूडीएफ दोनों का समर्थन प्राप्त है, इसलिए सोमवार को राज्य के ठप होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) को छोड़कर अन्य सभी ट्रेड यूनियन हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि न तो वाहनों को रोका जाएगा और न ही दुकानों को जबरन बंद कराया जाएगा।

आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस सरकार ने भी भारत बंद को समर्थन देने का ऐलान किया है। देश के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान, पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, जिसको लेकर उन्हें डर है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को खत्म कर दिया जाएगा तथा उन्हें बड़े कार्पोरेट घरानों की दया पर छोड़ दिया जाएगा। गतिरोध समाप्त करने और किसानों के विरोध प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए सरकार और किसान यूनियन के बीच अब तक 11 दौर की बातचीत हुई है, आखिरी बातचीत 22 जनवरी को हुई थी। 26 जनवरी को किसान प्रदर्शनकारियों की एक ट्रैक्टर रैली के दौरान व्यापक हिंसा के बाद बातचीत फिर से शुरू नहीं हुई है।

बता डेम कि प्रदर्शनकारी किसान एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की भी मांग कर रहे हैं। हालांकि, सरकार तीन कानूनों को प्रमुख कृषि सुधारों के रूप में पेश कर रही है। एसकेएम के बयान में कहा गया है, ‘‘पंजाब के नये मुख्यमंत्री चन्नी ने बंद को अपना समर्थन दिया और झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद संयुक्त रूप से भारत बंद की सफलता की योजना बना रहे हैं। तमिलनाडु में, सत्तारूढ़ द्रमुक ने बंद को समर्थन दिया है।’’


इधर दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसने राष्ट्रीय राजधानी के सीमावर्ती इलाकों में गश्त बढा दी है और अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया है। पुलिस के अनुसार, गश्त बढ़ा दी गई है, चौकियों पर, विशेष रूप से सीमावर्ती इलाकों में अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया गया है और राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने वाले हर वाहन की पूरी जांच की जा रही है।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बंद के मद्देनजर सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। अधिकारी ने कहा कि शहर की सीमाओं पर तीन विरोध प्रदर्शन स्थलों से किसी भी प्रदर्शनकारी को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पुलिस उपायुक्त (नयी दिल्ली) दीपक यादव ने कहा, ‘‘भारत बंद के मद्देनजर एहतियात के तौर पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। सीमावर्ती इलाकों में जांच चौकियों को मजबूत किया गया है और इंडिया गेट एवं विजय चौक सहित सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में पर्याप्त तैनाती की जाएगी।’’

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: तीन कृषि कानून, किसान आंदोलन, संयुक्त किसान मोर्चा, एसकेएम, किसान संगठन, आज भारत, Three Agricultural Laws, Farmers Movement, samyukta Kisan Morcha, SKM, Farmer's Organization, Bharat Bandh
OUTLOOK 27 September, 2021
Advertisement