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02 July 2016

संसद सत्र में स्वामी को टक्कर देंगे ‘राम’

इन मुद्दों पर सुब्रह्मण्यम स्वामी राजनीतिक दलों के नेताओं पर हमले करते रहते हैं। इन दिनों वे वित्त मंत्री अरुण जेटली पर रिजर्व बैंक के गवर्नर और वित्त मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार पर टिप्पणी कर हमले बोल चुके हैं। इन मुद्दों पर बोलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें फटकार भी लगाई है। लेकिन हाल में उन्होंने ट्विट कर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं कि वे बोलना जारी रखेंगे।

प्रतिपक्ष में बिहार के ‘महागठबंधन’ के सांसद राम जेठमलानी भी इसी तरह के तेवर वाले नेता माने जाते हैं। वे कालेधन के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोस चुके हैं। साथ ही, उन्हें जनता से माफी मांगने का सुझाव दे चुके हैं। जेठमलानी की टिप्पणी आई थी कि, ‘एक वादा उन्होंने (मोदी ने) किया था कि विदेशी बैंकों में 90 लाख करोड़ रूपये कालाधन जमा है और वह इस पैसे को लाएंगे एवं हर गरीब परिवार को 15-15 लाख रूपये देंगे। बाद में उन्होंने एक पार्टी अध्यक्ष (अमित शाह को) नियुक्त किया, जिन्होंने बयान दिया कि यह वादा चुनावी जुमला था।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत की जनता के साथ धोखाधड़ी करने के दोषी मानते हैं। जेठमलानी यह मुद्दा उठा सकते हैं और स्वामी से इस मुद्दे पर उनकी नोंक-झोंक देखने को मिल सकती है।

इसी तरह कई महत्वपूर्ण विधेयकों का सवाल है, जिनमें जीएसटी विधेयक भी शामिल है। सरकार का दावा है कि संसद के मानसून सत्र में जीएसटी विधेयक को पारित कराने के लिए उसके पास ‘पर्याप्त’ समर्थन है। मानसून सत्र जरूरत के मुताबिक दो- तीन बढ़ाया या घटाया जा सकता है। इस सत्र में फिलहाल 20 कार्य दिवस होंगे। सरकार चाहती है कि इसपर हम सभी दलों की सहमति मिले, क्योंकि इसका राज्यों पर प्रभाव होगा। सरकार आम सहमति से इस विधेयक को पारित करना चाहती है। जाहिर है, यह मुद्दा बहस में आएगा और इस पर स्वामी और जेठमलानी अपनी बात रख सकते हैं।

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TAGS: संसद, मॉनसून सत्र, राज्यसभा, सुब्रह्मण्यम स्वामी, राम जेठमलानी, कालाधन, जीएसटी, आर्थिक मुद्दों, बहस, Swami, jethmalani, debate, parliament
OUTLOOK 02 July, 2016
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