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02 November 2017

आधार की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट में श्‍ाुक्रवार को सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट आधार कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर तीन नवंबर को सुनवाई के लिए राजी हो गया। यह याचिका कर्नाटक के मैथ्यू थॉमस ने दाखिल की थी। उन्होंने आधार की वैधता को चुनौती देते हुए कहा था कि यह निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है और बायोमेट्रिक प्रणाली ठीक ढंग से काम नहीं कर रही है। जस्टिस जे चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता के वकील ने तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि इस तरह की याचिकाएं शीर्ष अदालत में शुक्रवार को सुनवाई के लिए पहले से सूचीबद्ध हैं।

सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और अन्य सेवाओं का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य बनाने के केंद्र के कदम को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पीठ मैथ्यू की याचिका को आधार से संबंधित अन्य याचिकाओं से पहले जोड़ेगी और फिर आगे की सुनवाई के लिए उसे संविधान पीठ के पास भेजा जाएगा। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने 30 अक्टूबर को कहा था कि संवैधानिक पीठ का गठन किया जाएगा और आधार से संबंधित मामले उसके समक्ष सुनवाई के लिए नवंबर के अंतिम सप्ताह में आएंगे।

हाल में सुप्रीम कोर्ट की नौ न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने कहा था कि संविधान के तहत निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है। आधार की वैधता को चुनौती देने वाले कई याचिकाकतार्ओं ने दावा किया कि यह निजता के अधिकार का उल्लंन करता है। कुछ याचिकाओं में बैंक खाते और मोबाइल नंबर से आधार को जोड़ने के फैसले को गैर कानूनी और असंवैधानिक बताते हुए चुनौती दी गई है। केन्द्र सरकार की ओर से शीर्ष अदालत को सूचित किया गया था कि सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आधार जोड़ने की अनिवार्यता की अवधि 31 दिसंबर से बढ़ाकर अगले साल 31 मार्च तक करने का फैसला सरकार ने उन लोगों के लिए लिया है जिनके पास अभी तक 12 अंकों वाली पहचान संख्या नहीं है और वे इसके लिए पंजीकरण कराना चाहते हैं। 

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TAGS: SC, Aadhaar Act, आधार, सुप्रीम कोर्ट, सुनवाई
OUTLOOK 02 November, 2017
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