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19 November 2017

केंद्र सरकार के सचिवों से कम वेतन पाते हैं राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति

राष्ट्रपति भवन. फाइल फोटो.

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपालों के वेतन बढ़ाने का एक प्रस्ताव तैयार कर करीब एक साल पहले मंजूरी के लिये कैबिनेट सचिवालय को भेजा था। नाम जाहिर न करने की शर्त पर अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि इस पर हालांकि अब तक कोई फैसला नहीं हो पाया है।

अभी राष्ट्रपति को प्रतिमाह डेढ़ लाख रूपए, उपराष्ट्रपति को सवा लाख रूपए और राज्यों के राज्यपाल को 1.10 लाख रूपए प्रतिमाह वेतन मिलता है।

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के एक जनवरी 2016 के लागू होने के बाद देश के सर्वोच्च नौकरशाह कैबिनेट सचिव का वेतन ढाई लाख रूपए प्रतिमाह है जबकि केंद्र सरकार के सचिवों का वेतन प्रतिमाह सवा दो लाख रूपये है।

राष्ट्रपति तीनों सशस्त्र सेनाओं- जल, थल और वायु- के सर्वोच्च कमांडर भी होते हैं। राष्ट्रपति का वेतन तीनों सेनाओं के प्रमुखों के वेतन से भी कम है जिन्हें कैबिनेट सचिव के बराबर वेतन मिलता है।

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सरकार के प्रवक्ता को जब टेक्स्ट मैसेज कर पूछा गया कि गृह मंत्रालय के प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने में होने वाली देरी की वजह क्या है तो उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद इस आशय का विधेयक संसद में पेश किया जाएगा।

प्रस्ताव के मुताबिक राष्ट्रपति का वेतन पांच लाख रूपये प्रतिमाह, उपराष्ट्रपति का वेतन साढ़े तीन लाख रूपये प्रतिमाह और राज्यपाल का वेतन तीन लाख रूपये प्रतिमाह हो सकता है। इससे पहले वर्ष 2008 में आखिरी बार राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और राज्यपाल के वेतन में इजाफा किया गया था।

 

(पीटीआई से इनपुट)

 
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TAGS: president, vice president, salary, bureaucrats
OUTLOOK 19 November, 2017
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