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22 August 2015

भारत-पाक बातचीत पर संशय के बादल

आउटलुक

भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि भारत का हमेशा से यह कहना रहा है कि भारत-पाक वार्ता में कोई भी तीसरा पक्ष नहीं होगा। हुर्रियत दोनों देशों के बीच एक पक्ष नहीं हो सकता। सुषमा ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के एनएसए आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। लेकिन उन्हें यह स्वीकार करना होगा कि इस वार्ता का मुद्दा केवल आतंकवाद तक सीमित होगा, एजेंडे का विस्तार नहीं होगा। भारत की विदेश मंत्री ने कहा कि भारत कोई पूर्व शर्त नहीं रख रहा है, केवल याद दिला रहा है कि अभी कश्मीर पर बातचीत नहीं होगी, अभी बातचीत केवल आतंकवाद पर होगी जैसा कि उफा में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच तय हुआ है। हालांकि सुषमा ने यह भी कहा कि उफा में बातचीत के बाद तनाव कम करने की बजाए पाकिस्तान ने भारत में गुरदासपुर हमले सहित आतंकवाद की गतिविधियों को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि उफा घोषणा में कश्मीर का कोई जिक्र नहीं है इसलिए पाकिस्तान शिमला समझौते और उफा की भावना का सम्मान करे। एनएसए स्तर की वार्ता कंपोजिट डायलाग या रिज्यूम्ड डायलाग का हिस्सा नहीं है बल्कि यह उसका माहौल बनाने के लिए उफा में बनी सहमति का हिस्सा है।

इससे चंद घंटे पहले भारत के पाले में गेंद डालते हुए पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज ने कहा था कि उनका देश बिना किसी शर्त के एनएसए स्तरीय वार्ता के लिए तैयार है। अजीज ने इस्लामाबाद में एक प्रेस वार्ता में कहा कि वह निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भारत यात्रा के लिए तैयार हैं, लेकिन बिना किसी शर्त के। नई दिल्ली में उनके कश्मीरी अलगाववादी नेताओं से नहीं मिलने के भारत सरकार के रुख की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान उच्चायोग में कल होने वाले स्वागत समारोह में मेहमानों की सूची को नियंत्रित करने जैसा है। अजीज ने कहा कि वार्ता रद्द किए जाने की किसी भी पक्ष से पुष्टि किया जाना अभी बाकी है। ऐसे में, हम निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बिना किसी शर्त के जाने के लिए तैयार हैं। इस तथ्य को देखते हुए कि भारत के अपने इस रुख में कोई बदलाव करने की संभावना नहीं है कि अलगाववादी हुर्रियत की भारत-पाक वार्ता में कोई भूमिका नहीं, एनएसए स्तरीय वार्ता होने की अब बहुत कम उम्मीद है।

अजीज ने कहा कि भारतीय विदेश मंत्रालय का यह बयान सच्चाई से दूर है कि पाकिस्तान उफा एजेंडे को तोड़ने मरोड़ने की कोशिश कर रहा है और वार्ता के लिए नई शर्तें थोप रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय विदेश विभाग का यह आरोप कि पाकिस्तान ने नई शर्तें थोपी हैं, भारतीय उच्चायोग को सौंपे गए पत्र के उस अंतिम वाक्य को पूरी तरह नजरअंदाज करना है जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान बिना किसी शर्त के एनएसए स्तरीय वार्ता के लिए तैयार है। अजीज ने कहा कि सचाई यह है कि भारत नई शर्तें थोप रहा है कि पाकिस्तान हुर्रियत नेताओं से नहीं मिल सकता है।

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दोनों पक्ष वार्ता के लिए अपने एजेंडा और अजीज से मिलने के लिए हुर्रियत को दिए गए निमंत्रण के बारे में अपनी-अपनी स्थिति से हटने को तैयार नहीं हैं। एक सवाल के जवाब में अजीज ने कहा, वार्ता की मेज पर पाकिस्तान, भारत के साथ सभी मुद्दों का समाधान करने की इच्छा रखता है, लेकिन मुख्य मुद्दे कश्मीर पर चर्चा किए बिना भारत के साथ कोई गंभीर वार्ता संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने तीन बिंदुओं वाला एजेंडा तैयार किया है जिसमें आतंकवाद, उफा में किए गए निर्णयों पर प्रगति और कश्मीर सहित सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा शामिल है।

एक उकसाने वाली टिप्पणी में अजीज ने कहा कि वह पाकिस्तान में भारत की खुफिया एजेंसी रॉ की गतिविधियों के बारे में तीन डोजियर ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा, अगर यह डोजियर मुझे नई दिल्ली में भारत के एनएसए को सौंपने का मौका नहीं मिला तो मुझे उम्मीद है कि मैं इसे अगले महीने न्यूयार्क में उन्हें दूंगा, अगर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वहां संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में हिस्सा लेने आते हैं।

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TAGS: भारत, पाकिस्तान, वार्ता, एनएसए, सुषमा स्वराज, सरताज अजीज, जम्मू-कश्मीर, हुर्रियत, India, Pakistan, talks, NSA, Sushma Swaraj, Sartaj Aziz, Jammu and Kashmir, APHC
OUTLOOK 22 August, 2015
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