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13 January 2021

किसानों का प्रदर्शन जारी, नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर मनाएंगे लोहड़ी

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 49वां दिन है, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान आज शाम को कृषि कानूनों की कॉपी जलाकर लोहड़ी मनाएंगे। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कानूनों के अमल पर रोक लगाते हुए चार सदस्यों की एक कमेटी बनाई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किसानों ने कहाल कि वे किसी भी कमेटी के पास नहीं जाएंगे। किसानों ने आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है।

केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीनों कृषि कानून के लागू होने पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। साथ ही अब इस मसले को सुलझाने के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है। किसान संगठनों ने कमेटी को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इसमें सरकार के पक्ष वाले ही हैं और यह सरकार की शरारत है। किसान नेताओं ने कहा कि कमेटी के सदस्य बदलें तो भी वे कमेटी के सामने पेश नहीं होंगे। उनका आंदोलन जारी रहेगा और वे जमे रहेंगे। 26 जनवरी को रैली निकालेंगे जिसकी रणनीति पर 15 जनवरी को फैसला लिया जाएगा।

सिंघु बार्डर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय किसान यूनियन (आर) बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हमने कल ही कहा था कि हम ऐसी किसी समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे। हमारा आंदोलन हमेशा की तरह आगे बढ़ेगा। इस समिति के सभी सदस्य सरकार समर्थक हैं और सरकार के कानूनों को सही ठहरा रहे हैं। हमेशा पहले ही इसका अंदेशा था।

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क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा, "हमने कल रात एक प्रेस नोट जारी किया था जिसमें कहा गया था कि हम मध्यस्थता के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित किसी भी समिति को स्वीकार नहीं करेंगे। हमें विश्वास था कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से केंद्र को एक समिति गठित मिलेगी जो उनके कंधो से बोझ हटाएगा।"

राकेश टिकैत ने ट्वीट किया, 'सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित कमेटी के सभी सदस्य खुली बाजार व्यवस्था या कानून के समर्थक रहे हैं। अशोक गुलाटी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने ही इन कानून को लाये जाने की सिफारिश की थी। देश का किसान इस फैसले से निराश है।'

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने तीनों नए कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा दी। इसके साथ ही गतिरोध को खत्म करने के लिए चार सदस्यीय कमेटी भी गठित कर दी। कमेटी में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिन्दर सिंह मान, शेतकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल घन्वत, दक्षिण एशिया के अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति एवं अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ प्रमोद जोशी और कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी शामिल हैं। वहीं, कोर्ट के फैसले पर किसान नेताओं ने कहा कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक वे अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।

 

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TAGS: farmers protests, Farmers Agitation, supreme court, किसान आंदोलन, सुप्रीम कोर्ट, कृषि कानून
OUTLOOK 13 January, 2021
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