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21 November 2017

पीओके पर फारुक अब्दुल्ला की टिप्पणी के खिलाफ आदेश देने से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार

File Photo.

जम्‍मू कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री व नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला मामले का निपटारा करते हुए दिल्‍ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को याचिकाकर्ता से कहा कि इसके लिए वे विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय व कानून मंत्रालय में जाएं।

अपने विवादास्‍पद बयानों के कारण सुर्खियों में रहने वाले जम्‍मू कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री व नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला एक बार फिर से देश विरोधी टिप्‍पणी के कारण कठघरे तक पहुंच गए हैं। दरअसल, पाकिस्तान अधिकृत कश्‍मीर पर विवादास्‍पद टिप्‍पणी के लिए फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ  जनहित याचिका दायर की गई।

पीटीआई के मुताबिक, गरीब नवाज फाउंडेशन के अध्‍यक्ष दिल्ली निवासी मौलाना अंसार रजा की ओर से अधिवक्ता नवल किशोर झा द्वारा 17 नवंबर को दायर की गयी याचिका में अब्दुल्ला पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करवाकर उनके पासपोर्ट को रद किए जाने व गिरफ्तारी की मांग की गई है। साथ ही मामले की जांच एनआईए व आईबी से कराने की मांग की गई है।

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इसके पहले कोर्ट ने याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया था। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट के समक्ष कहा कि मामला बेहद गंभीर है, इसलिए इस पर जल्द सुनवाई होनी चाहिए। अब्‍दुल्‍ला पर पाकिस्तान के पक्ष में बयान देने व देश के अपमान का आरोप है।

अब्‍दुल्‍ला ने 11 नवंबर को कहा था कि पाक अधिकृत कश्मीर पाकिस्‍तान का है और इसे कोई नहीं झुठला सकता। वह पाकिस्तान का ही रहेगा चाहे कितनी ही लड़ाई क्यों न लड़ लें।

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TAGS: Delhi HC, PIL, Farooq Abdullah
OUTLOOK 21 November, 2017
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