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14 April 2016

चर्चाः काम नहीं, नाम पर राजनीति | आलोक मेहता

गूगल

उत्तर प्रदेश हो या महाराष्‍ट्र- विभिन्न राज्यों में सिर पर मैला ढोने और सीवर में घुसकर साफ करने वाले दलित श्रमिक दयनीय स्थिति में हैं। सीवर में मौत के बाद उनके परिवारों को समुचित मुआवजा नहीं मिल रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी दलितों की अलग बस्तियां हैं। बड़ी योजनाओं और वायदे करने वाले राजनीतिक दलों और उनकी सरकारों ने लाखों दलितों को नारकीय जीवन से राहत नहीं दिलाई। लेकिन आज 14 अप्रैल को दलित नेता संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्तियों, चित्रों पर मालार्पण के साथ उनके नाम पर राजनीतिक लाभ की हरसंभव कोशिश हो रही है। हाल में जन्मी आम आदमी पार्टी भी दलितों के वोट पाने के लिए दिल्ली में विशाल आयोजन कर रही है। उसकी नजर पंजाब विधानसभा के आगामी चुनाव पर है, जहां दलित वोट निर्णायक भूमिका निभाएंगे। जबकि केजरीवाल सरकार ने सत्ता में आने के बाद राजनीति में दलित परिवारों के जीवन-स्तर में सुधार के लिए कोई कदम नहीं उठाया। दिल्ली में सफाई कर्मचारियों को हर तीसरे महीने अपनी मजदूरी के लिए आंदोलन करना पड़ता है। स्वयं कुछ करने के बजाय केजरीवाल साहब नगर-निगमों और भारतीय जनता पार्टी के सिर पर जिम्मेदारी का आरोप मढ़ देते हैं। उनके विधायक दलितों की न्यूनतम सुविधाओं के लिए कहीं लड़ते या उनके साथ भी खड़े नहीं दिखते। इसी तरह भारतीय जनता पार्टी के अधिकांश नेता हैं। प्रधानमंत्री सहित वरिष्‍ठ नेता नेहरू-गांधी के नाम भुलाकर केवल डॉ. अंबेडकर की आरती उतार रहे हैं, लेकिन दमन की जिन परिस्थितियों में भीमराव अंबेडकर ने हिंदू धर्म त्याग कर बौद्ध धर्म अपनाया था, उससे भी बदतर स्थिति बनाने वाले अपने कट्टरपंथी नेताओं पर भाजपा सरकार कोई अंकुश नहीं लगा पा रही है। जातिगत आधार पर सत्ता की सुविधाएं बांटने का सिलसिला बढ़ता गया है। कांग्रेस पार्टी की गड़बड़ियों का नतीजा है कि विभिन्न प्रदेशों में दलितों ने उसका दाम छोड़ दिया है। दलितों के कल्याण के संबंध में आंकड़े कांग्रेस नेता निरंतर पेश करते रहे, लेकिन तमाम प्रावधानों के बावजूद दलितों की स्थिति सुधारने के कार्यक्रम ठीक से क्रियान्वित नहीं हुए। नागपुर, लखनऊ, मऊ या दिल्ली में माला अर्पित कर नारे लगवाने के बजाय राजनीतिक दल समयबद्ध कार्यक्रम क्रियान्वित कर सकते हैं। 

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TAGS: दलित, स्थिति, केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, भाजपा, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, भीमराव अंबेडकर, माल्यार्पण, जाति, बौद्ध धर्म, हिंदू धर्म, कट्टरपंथी
OUTLOOK 14 April, 2016
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