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05 May 2015

भाजपा से जुड़े मजदूर संगठन भी सरकार के खिलाफ

गूगल

यूनियनों ने साफ कर दिया है कि श्रम कानूनों में बदलाव कर मजदूरों का हक मारने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भाजपा समर्थित ट्रेड यूनियन भारतीय मजदूर संघ के महासचिव ब्रजेश उपाध्याय के अनुसार यदि सरकार श्रम कानूनों को हल्का करने का प्रयास करती है तो इसके खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया जाएगा और पूर्ण हड़ताल के बारे में निर्णय 26 मई को होने वाले सम्मेलन में किया जाएगा।

 

गौरतलब है कि केंद्र में सत्तारूढ़ होने के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने कारोबार करने को आसान बनाने तथा मेक इन इंडिया कार्यक्रम को गति देने के लिए विभिन्न श्रम कानूनों में संशोधनों का प्रस्ताव तैयार किया है। उपाध्याय के अनुसार उनकी यूनियन ने मौजूदा श्रम कानूनों में संशोधन के लिए विधेयक पर चर्चा के दौरान कई कर्मचारी विरोधी संशोधन के खिलाफ आपत्ति जताई और सरकार को कई पत्र लिखे। लेकिन सरकार अपना रास्ता बदलने के लिए तैयार नहीं है।

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उपाध्याय ने यह भी सूचित किया कि केंद्रीय ट्रेड यूनियन 10 सूत्री एजेंडे पर भी चर्चा करेगी जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, कर्मचारियों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा कवर तथा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में विनिवेश जैसे सरकार के कदम शामिल हैं। सम्मेलन में बीएमएस के अलावा इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस, हिंद मजदूर सभा, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस, ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर, ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस, ट्रेड यूनियन को ऑर्डिनेशन कमेटी, यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस, सेल्फ इंप्लायड वुमेन्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया तथा लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन इसमें शामिल होंगे।

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TAGS: भाजपा, नरेंद्र मोदी, मोदी सरकार, श्रम कानून बदलाव, भारतीय मजदूर संघ, श्रमिक यूनियन, BJP, Narendra Modi, Modi government, labor law changes, the Bharatiya Mazdoor Sangh, labor unions
OUTLOOK 05 May, 2015
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