देश में 64 सांसदों-विधायकों पर अपहरण के केस, भाजपा पहले नंबर पर
देश के मौजूदा सांसदों-विधायकों में हर पांचवां अपहरण समेत कई अपराधों में लिप्त है। इन अपराधी नेताओं की सूची में भाजपा पहले नंबर पर है। भाजपा के कम से कम 16 सांसदों और विधायकों के खिलाफ अपहरण से जुड़े आपराधिक मामले दर्ज हैं।
दरअसल, यह चौंकाने वाला खुलासा मौजूदा 4 हजार 867 सांसदों और विधायकों की ओर से दाखिल हलफनामों के एक विश्लेषण से हुआ है। चुनाव और राजनीतिक सुधारों के लिए काम करने वाली एक गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की तरफ से सोमवार को यह निष्कर्ष जारी किया गया है।
भाजपा नंबर वन
एडीआर के मुताबिक, 770 सांसदों और 4 हजार 86 विधायकों के हलफनामों से यह खुलासा हुआ कि 1 हजार 24 या कुल 21 फीसदी देश के सांसदों-विधायकों ने यह ऐलान किया है कि उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसमें से 64 ने अपने खिलाफ अपहरण से संबंधित मामलों की घोषणा की है। इसमें से 17 विभिन्न राजनीतक दलों से संबंध रखते हैं, जबकि चार निर्दलीय हैं।
16 सदस्यों के साथ भाजपा इस सूची में शीर्ष पर है, जबकि कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) दोनों दूसरे स्थान पर हैं। दोनों के 6-6 सदस्य इस लिस्ट में शामिल हैं। इसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के 5, बीजू जनता दल (बीजद) और द्रमुक के 4-4, समाजवादी पार्टी (सपा), तेदेपा के 3-3, तृणमूल कांग्रेस, माकपा, और शिवसेना के 2-2 सदस्य शामिल हैं। साथ ही इस सूची में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा), जद (यू), टीआरएस और उत्तर प्रदेश की निषाद पार्टी के एक-एक सदस्य का नाम भी सम्मिलित है।
यूपी-बिहार से सबसे ज्यादा सांसद/ विधायक
अपहरण से जुड़े आरोपों की घोषणा करने वाले विधायकों में बिहार और उत्तर प्रदेश से 9-9, महाराष्ट्र के 8, पश्चिम बंगाल के 6, ओडिशा और तमिलनाडु से 4-4, आंध्र प्रदेश, गुजरात और राजस्थान से 3-3 और छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, पंजाब और तेलंगाना से 1-1 सदस्य शामिल हैं।