Advertisement
10 February 2016

जेएनयू: अफजल की फांसी के खिलाफ कार्यक्रम की जांच के आदेश

दरअसल, जेएनयू प्रशासन ने अफजल गुरू की फांसी के विरोध में परिसर में कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति रद्द कर दी थी। लेकिन इसके बाद भी कथित तौर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मुद्दे पर आज आरएसएस से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों ने जेएनयू में प्रदर्शन कर कार्यक्रम के आयोजक छात्राें को निष्कासित करने की मांग की।

जेएनयू प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि कार्यक्रम आयोजित करने की छात्रों यह हरकत अनुशासनहीनता है और देश के विघटन की कोई भी बात राष्ट्रीय नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि जेएनयू के मुख्य प्राॅक्टर की अध्यक्षता वाली समिति मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी।

जेएनयू के कुलपति जगदीश कुमार ने कहा, अधूरी सूचना देकर कार्यक्रम की इजाजत मांगी गई थी। लिहाजा, यह अनुशासनहीनता है। मुख्य प्राॅक्टर की अध्यक्षता वाली समिति कार्यक्रम के फुटेज की जांच करेगी और वहां मौजूद रहे लोगों से बात करेगी। रिपोर्ट के आधार पर विश्वविद्यालय उचित कार्रवाई करेगा।

Advertisement

अधूरी सूचना के बारे में बताते हुए जेएनयू के रजिस्टार बी. जुत्शी ने कहा, अनुमति के लिए किए गए अनुरोध में कहीं भी यह नहीं लिखा गया था कि अफजल गुरू पर कार्यक्रम आयोजित किया जाने वाला है। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वे एक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करना चाहते हैं।
कार्यक्रम के आयोजकों ने पूरे परिसर में कल पोस्टर चिपका कर छात्रों को आमंत्रित करते हुए कहा था कि वे अफजल गुरू और मकबूल भट्ट की न्यायिक हत्या के खिलाफ विश्वविद्यालय परिसर स्थित साबरमती ढाबा पर आयोजित विरोध मार्च में हिस्सा लें और कश्मीरी प्रवासियों के संघर्ष के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करें। 

एबीवीपी के सदस्यों ने इस कार्यक्रम पर अपना विरोध जताया और कुलपति को पत्र लिखकर कहा कि किसी शैक्षणिक संस्था में एेसे मार्च नहीं होने चाहिए। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने मार्च को रद्द करने का आदेश जारी किया, क्योंकि उन्हें आशंका थी कि इससे परिसर में शांति भंग हो सकती है।

लेकिन आयोजकों ने अनुमति रद्द होने के बाद भी कार्यक्रम का आयोजन किया। उन्होंने इस मुद्दे पर प्रदर्शन की बजाय एक सांस्कृतिक कार्यक्रम, कला एवं फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया। इससे आक्रोशित एबीवीपी सदस्यों ने कुलपति कार्यालय के बाहर इकट्ठा होकर नारेबाजी की और छात्रों के निष्कासन की मांग की।

 

 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
OUTLOOK 10 February, 2016
Advertisement