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23 November 2016

भाजपा सांसदों के गोद लिए गांव में बैंक ही नहीं, ग्रामीण कहां जमा कराए पैसे?

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2016 तक एक आदर्श ग्राम बनाने के क्रम में कई सांसदों ने गाइडलाइन के तहत काम कराए पर बैंक शाखा खुलवानेे की तरफ ध्‍यान नहीं दिया।

जन-धन योजना शुरू होते ही ग्रामीणों ने गांवों में छोटी बैंक शाखाएं खोलने की मांग की थी लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। नोटबंदी की घोषणा के बाद तो सबसे ज्यादा परेशानी आदर्श गांवों में हुई। 

मध्‍यप्रदेश के मंदसौर के सांसद सुधीर गुप्ता ने बालागूडा गांव गोद लिया। यह गांव सांसद आदर्श ग्राम योजना के सर्वे में देशभर में टॉप-15 गांवों में शामिल है। तीन हजार की आबादी वाले गांव में बैंक तो नहीं लेकिन सेंट्रल बैंक का एक एटीएम है। ग्रामीणों का कहना है कि सांसद द्वारा गांव गोद लिए जाने के बार से बार-बार बैंक खोलने की मांग की गई। कोई नतीजा नहीं निकला। यहां के ग्रामीणों को नोटबंदी के बाद विशेष परेशानी हुई। 

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सांसद सावित्री ठाकुर ने धार जिले के बिखरौन गांव को गोद लिया।  इस गांव की जनसंख्या 4000 है लेकिन यहां बैंक नहीं। ग्राम पंचात सचिव सोहन बुंदेला ने बताया कि सबसे नजदीकी बैंक गांव से तीन किमी दूर है। सांसद गांव में आती रहती हैं, लेकिन बैंक की मांग पूरी नहीं हो सकी। आखिरी बार दिसंबर 2015 को हुई सभा में बैंक की मांग की गई थी। नोटबंदी के बाद नकदी को लेकर यहां के ग्रामीण काफी परेशान हुए। 

सांसद अनिल माधव दवे नेे सीहोर के जहानपुर गांव को गोद लिया। राजधानी भोपाल से 72 किमी दूर जहानपुर में कोई बैंक नहीं है। लोगों को बैंक संबंधी काम के लिए 10-12 किमी दूर शाहगंज जाना पड़ता है। गांव की आबादी 1833 है। ग्रामीणों ने राज्यसभा सदस्य तक अपनी बात पहुंचाई। यहां के लोगों नेे कहा कि नोटबंदी से पहले बैंक होता तो ज्यादा परेशानी नहीं होती। 

सांसद लक्ष्मीनारायण यादव ने सागर के बरौदा सागर गांव को गोद लिया है। यहां की जनसंख्या 5000 है। गांव में बैंक नहीं है। गांव के लोगों को बैंकिंग संबंधी कार्यों के लिए लगभग 15 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। सांसद लक्ष्मीनारायण यादव का कहना है कि हमने पहले ही बैंक खुलवाने का प्रस्ताव दिया है। कोशिश होगी कि जल्दी से जल्दी बैंक शाखा खुल जाए। 

खरगोन से सांसद सुभाष पटेल ने खजूरी गांव गोद लिया है। लगभग 4000 जनसंख्या वाले इस गांव में भी बैंक नहीं है। न ही खुलवाने के प्रयास किए गए। कोई एटीएम भी नहीं। गांव के सरपंच आशाराम बड़ोले ने बताया कि सांसद का पिछले दो साल में तीन बार दौरा हो चुका है। सबसे नजदीकी बैंक गांव से चार किमी दूर बोरू फाटक पर पंजाब नेशनल बैंक है। 

सांसद चिंतामणि मालवीय ने उज्‍जैल के रूपाखेड़ी गांव को आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया। यहां भी हालत ठीक नहीं है।  सरपंच अनिल रावल ने बताया कि गांव के दस किमी के दायरे में एक भी बैंक नहीं है। गांव की आबादी दो हजार है। सांसद एक बार भी यहां नहीं आए। कुछ समय पहले ग्रामीणों ने अपने स्तर पर बैंक ऑफ बड़ौदा से बात की थी। लेकिन अधिकारियों ने कहा कि बाद में देखते हैं। 

इंदौर से सांसद लोकसभा अध्‍यक्ष सुमित्रा महाजन ने जिले के ग्राम पोटलोद को गोद लिया है। उन्‍होंने भी यहां ध्‍यान नहीं दिया। तीन हजार की आबादी वाले इस गांव में बैंक नहीं है। एक एटीएम है लेकिन वह भी कितना साथ दे। लिहाजा रहवासियों को डेढ़ किमी दूर चंद्रावतिगंज स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा जाना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि बैंक की मांग की गई है, लेकिन पूरी नहीं हुई। नोटबंदी ने और परेशानी बढ़ा दी है।  

 

 

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TAGS: पीएम मोदी, भाजपा सांसद, आदर्श ग्राम योजना, बैंक, नकदी, नोटबंदी, note ban, bjp mp, mp, cash, bank
OUTLOOK 23 November, 2016
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