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21 October 2016

एंब्रायर सौदा : सीबीआई ने ब्रिटेन के हथियार डीलर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की

गूगल

उन्होंने कहा कि ये रिश्वतें कथित तौर पर वर्ष 2009 में एंब्रायर की सहायक कंपनियों के माध्यम से सिंगापुर की एक कंपनी के मार्फत दी गई थीं। सिंगापुर स्थित कंपनी एक बिचौलिए की है। ऐसा आरोप है कि ये रिश्वतें ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड के रास्ते आईं।

उन्होंने कहा कि एजेंसी ने सितंबर में प्रारंभिक जांच दर्ज की थी। चूंकि उसे मामले में आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त प्रथम दृष्ट्या सामग्री मिल चुकी है, इसलिए इसे नियमित प्राथमिकी में बदल दिया गया है। इस सौदे में शामिल तीन विमानों का इस्तेमाल रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने हवाई रेडार प्रणाली के लिए करना था। एंब्रायर के साथ यह सौदा वर्ष 2008 में हुआ था। ब्राजील के एक अखबार ने आरोप लगाया था कि कंपनी ने सौदा पाने के लिए सऊदी अरब और भारत में बिचौलियों की मदद ली थी। भारत की रक्षा खरीद के नियमों के अनुसार, ऐसे सौदों से बिचौलियों को सख्त तौर पर दूर रखा जाता है।

ब्राजील के प्रमुख अखबार फोल्हा डे साओ पॉलो ने खबर दी कि कंपनी ने भारत के साथ सौदे को अंतिम रूप देने के लिए ब्रिटेन में रहने वाले रक्षा एजेंट को कथित तौर पर कमीशन दिया था। डीआरडीओ ने वर्ष 2008 में कंपनी से तीन विमान खरीदे थे और उन्हें वायु रेडार प्रणाली के रूप में तैयार किया था। भारतीय वायु सेना के इस्तेमाल के लिए तैयार इस प्रणाली को अवॉक्स या एयरबॉर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम या अवाक्स कहा जाता है। रिपोर्ट में कहा गया कि यह कंपनी वर्ष 2010 से अमेरिकी न्याय विभाग की जांच के दायरे में है। डोमिनिकन गणराज्य के साथ हुए अनुबंध ने अमेरिकियों के संदेह को बढ़ा दिया था। उसके बाद से जांच के दायरे को विस्तार देते हुए आठ अन्य देशों के साथ सौदों को शामिल कर लिया गया। प्रारंभिक जांच के पंजीकरण के बाद एंब्रायर ने एक बयान जारी करते हुए कहा था, वर्ष 2011 से एंब्रायर ने सार्वजनिक तौर पर यह कहा है कि वह व्यापक आंतरिक जांच कर रहा है और एफसीपीए के कथित उल्लंघनों की जांच में अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है। बयान में कहा गया था, कंपनी ने स्वेच्दा से जांच का दायरा बढ़ाया और मामले की प्रगति की जानकारी बाजार को व्यवस्थापूर्ण ढंग से देना शुरू किया। इसमें कहा गया, कंपनी ब्राजील में कानूनी कार्रवाई का पक्ष नहीं है। इसलिए उसमें निहित जानकारी तक उसकी पहुंच नहीं है।

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TAGS: CBI, registered, FIR, सीबीआई, प्राथमिकी
OUTLOOK 21 October, 2016
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