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20 April 2023

पीएम मोदी ने कहा- प्रत्येक राष्ट्र की प्राथमिकता अपने देश के हित के साथ ही विश्व हित भी हो

पीटीआई

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूक्रेन-रूस युद्ध, मौजूदा वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चिंताओं को इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती करार देते हुए कहा कि आज समय की मांग है कि प्रत्येक राष्ट्र की प्राथमिकता अपने देश के हित के साथ ही विश्व हित भी हो।

राजधानी स्थित अशोक होटल में आयोजित पहले वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज दुनिया जिस युद्ध और अशांति से पीड़ित है, उसका समाधान बुद्ध के उपदेशों में है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें विश्व को सुखी बनाना है तो स्व से निकलकर संसार, संकुचित सोच को त्यागकर, समग्रता का यह बुद्ध मंत्र ही एकमात्र रास्ता है।’’

मोदी ने कहा कि सभी को अपने आस-पास गरीबी से जूझ रहे लोगों के बारे में और साथ ही संसाधनों के अभाव में फंसे देशों के बारे में सोचना ही होगा।

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उन्होंने कहा, ‘‘एक बेहतर और स्थिर विश्व की स्थापना के लिए यही एक मार्ग है। आज यह समय की मांग है कि हर व्यक्ति की, हर राष्ट्र की प्राथमिकता अपने देश के हित के साथ ही विश्व हित भी हो।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बात सर्व स्वीकार्य है कि आज का यह समय इस सदी का सबसे चुनौतीपूर्ण समय है। उन्होंने कहा, ‘‘आज एक ओर महीनों से दो देशों में युद्ध चल रहा है तो वहीं दुनिया आर्थिक अस्थिरता से भी गुजर रही है। आतंकवाद और मज़हबी उन्माद जैसे खतरे मानवता की आत्मा पर प्रहार कर रहे हैं। जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौती पूरी मानवता के अस्तित्व पर आफत बनकर मंडरा रही है। ग्लेशियर्स पिघल रहे हैं। पारिस्थितकीय तंत्र नष्ट हो रहे है। प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं। लेकिन इन सबके बीच हमारे आप जैसे करोड़ों लोग भी हैं जिन्हें बुद्ध में आस्था है और जीव मात्र के कल्याण में विश्वास है।’’

प्रधानमंत्री ने इस उम्मीद को इस धरती की सबसे बड़ी ताकत करार दिया और कहा कि जब यह ताकत एकजुट होगी तो बुद्ध का धम्म विश्व की धारणा बन जाएगा और बुद्ध का बोध मानवता का विश्वास बन जाएगा।

उन्होंने कहा कि आधुनिक विश्व की ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान सैंकड़ों वर्ष पहले दिए गए बुद्ध के उपदेशों में न हो। उन्होंने कहा कि आज दुनिया जिस युद्ध और अशांति से पीड़ित है, उसका समाधान बुद्ध ने सदियों पहले दे दिया था।

इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन की मेजबानी संस्कृति मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के सहयोग से कर रहा है। शिखर सम्मेलन का विषय ‘‘समकालीन चुनौतियों पर प्रतिक्रिया : अभ्यास के लिए दर्शन’’ है। यह वैश्विक शिखर सम्मेलन बौद्ध धर्म में भारत के महत्व और अहमियत को चिन्हित करेगा।

शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य शाक्यमुनि बुद्ध की शिक्षाओं पर गौर करना है जो सदियों से बुद्ध धम्म के अभ्यास से लगातार समृद्ध होती रही हैं।

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TAGS: PM Narendra Modi, economic instability, terrorism, religious extremism, Climate change, Lord Buddha's ideas
OUTLOOK 20 April, 2023
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