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08 August 2019

कश्मीर से कर्फ्यू हटाने और नेताओं की रिहाई को लेकर दायर याचिका की जल्दी सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला की उस याचिका की जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर में निलंबित इंटरनेट, दूरसंचार सेवाओं और मीडिया सहित कर्फ्यू और अन्य प्रतिबंधों को वापस लेने की मांग की है। पूनावाला की ओर से दाखिल याचिका में हिरासत में लिए गए कश्मीरी नेताओं की फौरन रिहाई की भी मांग की गई है। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सोमवार रात से नजरबंद हैं।

पूनावाला की ओर से दायर इस याचिका में घाटी से कर्फ्यू के साथ लैंडलाइन, इंटरनेट समेत सभी सुविधाओं पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की गई है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के नेताओं को भी फौरन रिहा करने की मांग की गई है। तहसीन पूनावाला की इस याचिका पर आज सुनवाई हो सकती है।

पूनावाला ने कहा कि उन्होंने शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की है और गुरुवार को तत्काल सुनवाई के लिए इसका उल्लेख करेंगे। यह याचिका जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द करने के केन्द्र के प्रस्ताव के 3 दिन बाद दाखिल की गई है।

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कांग्रेस कार्यकर्ता ने राज्य में जमीनी हकीकत जानने के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन करने की भी मांग की है।

सरकार का फैसला संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 का उल्लंघन

उन्होंने कहा है कि सरकार द्वारा लिए गए निर्णय संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।

इससे पहले पूनावाला ने ट्वीट किया कि वह सिर्फ भारत सरकार से यह आश्वासन लिखित में लेना चाहते थे कि अनुच्छेद 21 को कभी भी निलंबित नहीं किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाए कि कश्मीर में कोई भी जान न जाए।

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TAGS: Petition, Challenging, Jammu and Kashmir, Supreme Court, Lockdown, Detention, Omar Abdullah, Mehbooba Mufti
OUTLOOK 08 August, 2019
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