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31 March 2015

बाबरी मस्जिद मामले में पद्म विभूषण आडवाणी को नोटिस

पीटीआइ

उच्चतम न्यायालय ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और अन्य के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र के आरोप हटाने का विरोध करने वाली याचिका पर आज उनसे जवाब मांगा। मुख्य न्यायाधीश एच.एल. दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने बाबरी मस्जिद मामले के एक याचिकाकर्ता हाजी महबूब अहमद द्वारा दायर एक पृथक याचिका पर भाजपा नेता और सीबीआई को नोटिस जारी किए। अहमद ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि केंद्र में सरकार बदलने के चलते सीबीआई अपना रुख नरम कर सकती है।

इससे पहले सीबीआई बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आडवाणी और 19 अन्य के खिलाफ षड्यंत्र के आरोप हटाने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय गई थी। सीबीआई ने आज संक्षिप्त सुनवाई के दौरान मामले में अपील दायर करने में हुई देरी के संबंध में ताजा शपथपत्र दायर करने के लिए समय मांगा। अदालत ने जांच एजेंसी की याचिका मंजूर करते हुए उसे जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है।

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील दर्ज कराने में देरी के लिए सीबीआई की खिंचाई की थी। सीबीआई ने उच्च न्यायालय के 21 मई, 2010 को सुनाए फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने नेताओं के खिलाफ आरोप हटाने के विशेष अदालत के फैसले को बरकरार रखा था। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में सीबीआई की विशेष अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा था जिसमें आडवाणी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार और मुरली मनोहर जोशी के ऊपर लगे षड्यंत्र रचने के आरोपों को हटा दिया गया था।

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इनके अलावा सतीश प्रधान, सी.आर. बंसल, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, साध्वी ऋतंभरा, वी.एच. डालमिया, महंत अवैद्यनाथ, आर.वी. वेदांती, परमहंस रामचंद्र दास, जगदीश मुनि महाराज, बी.एल. शर्मा, महंत नृत्यगोपाल दास, धरम दास, सतीश नागर और मोरेश्वर सावे के खिलाफ भी आरोप हटाए गए थे। बाल ठाकरे के निधन के बाद उनका नाम आरोपियों की सूची से हटा दिया गया था।

उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए सीबीआई को रायबरेली अदालत में आडवाणी एवं अन्य के खिलाफ अन्य आरोपों के मामले में आगे बढ़ने की अनुमति दी थी। यह मामला रायबरेली अदालत के अधिकार क्षेत्र में आता है। उच्च न्यायालय ने मई, 2010 में सुनाए फैसले में कहा था कि विशेष अदालत द्वारा चार मई, 2001 को सुनाए गए फैसले के खिलाफ सीबीआई की पुनरीक्षण याचिका में कोई दम नहीं है।

विवादित ढांचा गिराए जाने के संबंध में दो मामले हैं- एक मामला आडवाणी और उन अन्य लोगों के खिलाफ है जो छह दिसंबर, 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के समय अयोध्या के राम कथा कुंज में मंच पर थे जबकि एक अन्य मामला उन लाखों अज्ञात कारसेवकों के खिलाफ है जो विवादित ढांचे में और उसके आस-पास मौजूद थे।

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TAGS: बाबरी मस्जिद विध्वंस, लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुप्रीम कोर्ट, नोटिस
OUTLOOK 31 March, 2015
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