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13 December 2016

एक साथ दो सीटों से चुनाव लड़ने पर लगे रोक : चुनाव आयोग

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जनप्रतिनिधित्व कानून किसी व्यक्ति को आम चुनाव या उप-चुनाव या दो साल पर होने वाले चुनाव में अधिकतम दो सीटों से किस्मत आजमाने की इजाजत देता है। हालांकि, दोनों सीटें जीत जाने पर कोई व्यक्ति इनमें से किसी एक सीट पर ही कायम रह सकता है और दूसरी सीट उसे छोड़नी पड़ती है।

चुनाव कानूनों में 1996 में हुए एक संशोधन से पहले किसी व्यक्ति की ओर से लड़ी जा सकने वाली सीटों की संख्या पर कोई बंदिश नहीं थी। चुनाव सुधार पर इस महीने की शुरूआत में कानून मंत्रालय को भेजी गई अपनी सिफारिशों में चुनाव आयोग ने कहा कि उसने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 33 :7: में संशोधन का प्रस्ताव किया है।

साल 2004 के अपने प्रस्ताव में चुनाव आयोग ने कहा था कि यदि लोगों को एक से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने से रोकने के लिए कानून में बदलाव नहीं किए जा सकते तो जीतने वाले उम्मीदवार को सीट खाली करने पर वहां होने वाले उप-चुनाव का खर्च वहन करना चाहिए। आयोग ने उस वक्त विधानसभा और विधानपरिषद चुनावों के लिए पांच लाख रूपए जबकि लोकसभा चुनावों के लिए 10 लाख रूपए की धनराशि का प्रस्ताव किया था।

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चुनाव आयोग की ओर से की गई सिफारिशों में कहा गया, जब कोई उम्मीदवार दो सीटों से चुनाव लड़ता है और दोनों सीटों पर जीत हासिल करता है तो यह जरूरी है कि वह इनमें से कोई एक सीट खाली करे। सिफारिशों में कहा गया, खाली हुई सीट पर उप-चुनाव कराने से सरकारी खजाने, मानवशक्ति और अन्य संसाधनों पर पड़ने वाले अपरिहार्य वित्तीय बोझ के अलावा यह उस चुनाव क्षेत्र के वोटरों के साथ नाइंसाफी होती है, जहां की सीट उम्मीदवार ने खाली की हो।

आयोग ने कहा कि 2004 में जितनी धनराशि की सिफारिश की गई थी, उसमें उचित बढ़ोत्तरी कर दी जाए ताकि उम्मीदवारों के लिए यह बाधक का काम कर सके। करीब दो साल पहले चुनाव सुधार पर अपनी रिपोर्ट में न्यायमूर्ति ए पी शाह की अध्यक्षता वाले विधि आयोग ने भी किसी उम्मीदवार के एक से ज्यादा सीट पर चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की सिफारिश की थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेे 2014 के लोकसभा चुनाव में गुजरात की वड़ोदरा और उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीटों से चुनाव लड़ा था। दोनों सीटों पर जीत हासिल करने के बाद मोदी ने वड़ोदरा सीट छोड़ दी थी, जिस वजह से वड़ोदरा सीट पर उप-चुनाव कराने पड़े थे। इसी तरह, सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने भी 2014 के लोकसभा चुनाव में मैनपुरी और आजमगढ़ सीटों से किस्मत आजमाई थी। दोनों सीटों पर जीत हासिल करने के बाद उन्होंने मैनपुरी सीट छोड़ दी थी, जिसके कारण वहां उप-चुनाव कराने पड़े थे। भाषा एजेंसी 

 

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TAGS: चुनाव आयोग, केंद्र सरकार, संशोधन, कानून, चुनाव, election, commission, central government, law, legislation
OUTLOOK 13 December, 2016
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