Advertisement
30 May 2015

मोदी ही करते हैं अंतिम फैसला : जेटली

पीटीआइ

वह सबकी सुनते हैं लेकिन अंतिम फैसला वही करते हैं। जेटली ने कहा कि उनकी स्थिति दस साल के संप्रग शासन के ठीक विपरीत है जिसमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास कोई वास्तविक शक्ति नहीं थी।

उन्होंने कहा, लोकतंत्र में प्रधानमंत्री ही अंतिम फैसला करता है। मैं इस बात से इंकार नहीं कर सकता कि नरेंद्र मोदी एक मजबूत नेता है लेकिन वह स्वयं सारी बातों को समझकर एवं अनुभव लेकर काम करने वाले प्रधानमंत्री हैं जो सबकी बात सुनते हैं। वित्त मंत्री ने रजत शर्मा की ‘आप की अदालत’ कार्यक्रम में कहा, जैसा कि लोकतंत्र में उम्मीद की जाती है उनके शब्द अंतिम होते हैं। और इसमें कुछ गलत भी नहीं है। वाजपेयी सरकार में भी सबसे विचार-विमर्श किया जाता था लेकिन प्रधानमंत्री के शब्द ही अंतिम होते थे।

चैनल द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार जेटली से यह सवाल किया गया कि द इकॉनामिस्ट पत्रिका ने मोदी को एक योद्धा वाली सेना करार दिया। इस पर जेटली ने कहा कि उनकी तुलना मनमोहन सिंह से नहीं की जा सकती क्योंकि इसी पत्रिका ने उनके बारे में कहा था, उन्हें ऐसे प्रधानमंत्री के रूप में चित्रित किया जाता है जो पद पर तो है लेकिन जिसके पास शक्तियां नहीं हैं। उन्होंने कहा, दस साल तक हमारे पास एक ऐसा प्रधानमंत्री था जिसके पास कोई वास्तविक सत्ता नहीं थी। मैं मनमोहन सिंह की व्यक्तिगत कुशलता के कारण उनका कायल हूं लेकिन कांग्रेस ने कभी उन्हें खुलकर काम नहीं करने दिया। यदि कांग्रेस ने उनकी कुशलता के अनुसार उन्हें काम करने दिया होता तो भारत का इतिहास आज भिन्न होता।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: वित्त मंत्री, अरुण जेटली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मनमोहन सिंह, रजत शर्मा, आप की अदालत, Finance Minister, Arun Jaitley, Narendra Modi, Prime Minister, Manmohan Singh, Rajat Sharma, Aap ki adalat
OUTLOOK 30 May, 2015
Advertisement