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17 December 2016

ले.जनरल रावत होंगे अगले थल सेना प्रमुख, वायुसेना प्रमुख होंगे एयर मार्शल धनोआ

लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत। गूगल

रक्षा मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, सरकार ने उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को नया सेना प्रमुख नियुक्त करने का फैसला किया है और यह नियुक्ति 31 दिसंबर दोपहर बाद से प्रभावी होगी।

मंत्रालय ने यह भी ट्वीट किया कि एयर मार्शल बी. एस. धनोआ 31 दिसंबर दोपहर बाद से वायु सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालेंगे।

रावत जनरल दलबीर सिंह के बाद यह कार्यभार संभालेंगे और धनोआ वायु सेना प्रमुख अरूप राहा की जगह कार्यभार संभालेंगे।

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लेफ्टिनेंट जनरल रावत को पूर्वी कमान के प्रमुख एवं वरिष्ठतम थलसेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी और दक्षिणी कमान के प्रमुख पी. एम. हारिज से आगे बढाया गया है।

सरकार के सूत्रों ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरलों में से लेफ्टिनेंट जनरल रावत को उत्तर में पुनर्गठित सैन्य बल, लगातार आतंकवाद एवं पश्चिम से छद्म युद्ध एवं पूर्वोत्तर में हालात समेत उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए सर्वाधिक उचित पाया गया। 

सरकारी सूत्रों ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल रावत के पास पिछले तीन दशकों से भारतीय सेना में विभिन्न कार्यात्मक स्तरों पर एवं युद्ध क्षेत्रों में सेवाएं देने का बेहतरीन व्यावहारिक अनुभव है। उन्होंने पाकिस्तान के साथ लगती नियंत्रण रेखा, चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा एवं पूर्वोत्तर समेत कई इलाकों में परिचालन संबंधी विभिन्न जिम्मेदारियां संभाली हैं।

उन्हें एक सैनिक के तौर पर सेवाएं देने, नागरिक समाज के साथ जुड़ने एवं करूणा के प्रति संतुलित दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है।

हालांकि सेना में वरिष्ठ अधिकारी की जगह अन्य अधिकारी को सेना प्रमुख बनाना नई बात नहीं है लेकिन हाल के वर्षों में ऐसा नहीं देखा गया है। वर्ष 1983 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लेफ्टिनेंट जनरल एस. वैद्य को लेफ्टिनेंट जनरल एस. के. सिन्हा से आगे बढ़ाते हुए सेना प्रमुख नियुक्त किया था। लेफ्टिनेंट जनरल सिन्हा ने विरोध में इस्तीफा दे दिया था।

इससे पहले गांधी सरकार ने जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) सैम मानेकशॉ के बाद कार्यभार संभालने के लिए बहुत लोकप्रिय लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. भगत को दरकिनार करते हुए जनरल जी. जी. बेवूर के कार्यकाल में एक साल का विस्तार दिया और इस दौरान भगत सेवानिवृत्त हो गए।

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि नए सेना प्रमुख के चयन के लिए उपयुक्तता एवं योग्यता पर ध्यान केंद्रित किया गया।

रक्षा सूत्रों ने कहा कि आर्म्ड कोर के अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल बख्शी अपने कैरियर के अधिकतर समय जोधपुर में रहे और कश्मीर में उन्हें दो बार तैनात किया गया लेकिन वे जिन पदों पर थे, उन्हें फील्ड पोस्टिंग नहीं माना जाता। सूत्रों ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल हारिज को उग्रवाद से निपटने या नियंत्रण रेखा पर कार्रवाई के संबंध में परिचालन से जुड़े क्षेत्रों में कोई अनुभव नहीं है।

लेफ्टिनेंट जनरल रावत की सेना प्रमुख के रूप में अचानक पदोन्नति से बल में उत्तराधिकार वरीयता क्रम प्रभावित नहीं होगा।

वायुसेना में भी अतीत में वरिष्ठतम अधिकारी की जगह अन्य अधिकारी को तरजीह दी गई है लेकिन इस बार प्रमुख नामित किए गए धनोआ इस पद के दावेदार के रूप में वरिष्ठतम अधिकारी थे।

धनोआ को जून 1978 में वायुसेना की लड़ाकू धारा में शामिल किया गया था। उन्होंने स्क्वाड्रनों एवं वायुसेना के खुफिया निदेशालय मुख्यालय में सेवाएं दी हैं।

रावत को आईएमए देहरादून में स्वार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया था। वहां से उन्हें दिसंबर 1978 में 11वीं गोरखा राइफल की पांचवीं बटालियन में शामिल किया गया था।

 

भाषा

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TAGS: Government, appointed, vice chief of army staff, Lt Gen Bipin Rawat, new Army chief, vice chief of air staff, Air Marshal B S Dhanoa, new chief of the Indian Air Force
OUTLOOK 17 December, 2016
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