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26 August 2016

कुत्तों को मारने का केरल का फैसला गैर कानूनी : मेनका

गूगल

मेनका ने कहा, आप कहते हैं, मारो, मारो, मारो। आप मारते रहिए, वे काटते रहेंगे। कुत्ते खतरनाक हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि कुत्तों से निपटने के लिए उन्हें मारने के केरल सरकार के फैसले का दुरुपयोग किया जा सकता है।मेनका ने दावा किया, यह किसी भी कुत्ते को मारने की छूट देना है।

मंत्री ने पूछा, भारतीय पशु कल्याण बोर्ड द्वारा कुत्तों के बंध्याकरण के लिए केरल सरकार को दिया गया धन कहां है। वह कहां चला गया ? मेनका पशु अधिकार कार्यकर्ता भी हैं। उन्होंने कहा कि कुत्तों को मारना न केवल गैर कानूनी है, बल्कि अनुचित भी है। मेनका ने कहा कि सबसे अच्छा समाधान कुत्तों का बंध्याकरण करना है। उन्होंने कहा, यदि आप कुत्तों का बंध्याकरण करेंगे तो वे खुश रहेंगे, वे शांत रहेंगे। बंध्याकृत कुत्ता कभी नहीं काटता। उनका टीकाकरण भी किया जाएगा और समस्या खत्म हो जाएगी।

मंत्री ने कहा, दिल्ली में पांच लाख कुत्ते थे और वह संख्या कभी भी कम न होती। जब हमने बंध्याकरण शुरू कर दिया तो यह संख्या घटकर 70 हजार हो गई, जबकि दिल्ली की आबादी और अपशिष्ट वर्ष दर वर्ष बढ़ा। मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि केरल में भारी नगरीकरण की वजह से कूड़ा-कचरा और आवारा कुत्तों की संख्या में इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा, कुत्ते कूड़े में आहार ढूंढ़ते हैं, वे चूहे खाने आते हैं। जब तक आप कूड़ा-कचरा साफ नहीं करेंगे, चूहों की संख्या बढ़ेगी। केरल का भारी नगरीकरण हो रहा है। कचरे पर बहुत कम नियंत्रण है। जब तक आप कचरे से नहीं निपटेंगे, आपके चूहे आते रहेंगे, उसके साथ कुत्ते भी आएंगे।

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एजेंसी

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TAGS: Union minister, Maneka Gandhi, Kerala government, केन्द्रीय सरकार, मेनका गांधी, केरल सरकार
OUTLOOK 26 August, 2016
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