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17 February 2021

जामिया के छात्रों ने कैंपस खोलने की मांग की, यूनिवर्सिटी- कई राज्यों में बढ़ते कोरोना की वजह से स्थिति सामान्य नहीं

करीब दस महीने से दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया कोरोना महामारी की वजह से बंद है। छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन चल रही है वही कुछ ही दिनों पहले यूनिवर्सिटी ने सभी सेमस्टर की परीक्षा ओपन बुक ली है। अब छात्र कैंपस खोलने की मांग कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि जब दिल्ली के अन्य शैक्षणिक संस्थान आधी क्षमताओं के साथ खोले जा रहे हैं फिर जामिया क्यों नहीं। बुधवार को ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एआईएसए) की अगुवाई में छात्रों ने वाइस चांसलर (वीसी) कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दरअसल, दिल्ली यूनिवर्सिटी ने फाइनल ईयर के छात्रों के लिए कैंपस खोलने की अनुमति कुछ दिनों पहले दी थी। वहीं, दिल्ली में अब कोरोना के मामले काफी कम हो गए हैं। कई दिनों से जामिया के छात्र ऑनलाइन क्लास को बायकॉट कर रहे हैं। ट्वीटर के जरिए #ReOpenJMI को ट्रेंड कराया जा रहा है। 

आउटलुक से बातचीत में जामिया में एमए जेंडर स्टडीज की पढ़ाई कर रहे एक छात्र और आइसा के सदस्य बताते हैं कि कैंपस बंद होने की वजह से पढ़ाई बाधित हो रही है। जब दिल्ली में अन्य सभी चीजें खुली हुई है फिर जामिया क्यों नहीं। आगे वो बताते हैं, "छात्रों की मांग है कि कोरोना की गाइडलाइन को  फॉलो करते हुए कैंपस को खोला जाना चाहिए। खास तौर से लाइब्रेरी और हॉस्टल को अब खोल देना चाहिए। नए सेशन की शुरूआत हो चुकी है।"

शाहनवाज़ आलम बैचलर मास मीडिया के अंतिम वर्ष के छात्र हैं। आउटलुक से बातचीत में वो कहते हैं, “मेरी अधिकांश किताबें हॉस्टल में है। जब मैं किताबों को लेने गया तो जामिया प्रशासन ने कहा की सिर्फ किताबें नहीं ले जा सकते, सारे सामान ले जाना पड़ेगा।“ आगे शहनवाज बताते हैं, “दिल्ली में मैं अकेले रहता हूं। कोई नहीं है। कई बार ऑनलाइन एग्जाम में भी दिक्कतें हुई है। ऑनलाइन सारी किताबें नहीं मिल पाती है। लाइब्रेरी बंद होने की वजह से काफी परेशानी है। अब जामिया प्रशासन को कम-से-कम लाइब्रेरी और रीडिंग हाल के साथ कैंटीन शुरू कर देना चाहिए। ताकि छात्रों को दिक्कत न हों। कोरोना को लेकर जो भी गाइडलाइंस होंगी, उसे हम छात्र फॉलो करेंगे।“

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एक तरफ देश के कई राज्यों में कोरोना के मामलों में तेजी से कमी आ रही है। वहीं, केरल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में एक बार फिर से कोरोना की वजह से चिंता बढ़ गई है। कुछ दिनों पहले आईआईटी मद्रास के करीब 50 छात्र और स्टाफ कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे जिसके बाद संस्थान को सील करना पड़ा। वही, मंगलवार को बेंगलुरू के एक ही अपार्टमेंट के 103 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। सभी एक शादी पार्टी में शामिल हुए थे।

 (छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए जामिया कैंपस के बाहर सुरक्षा में तैनात जवान)

आउटलुक से बातचीत में जामिया के पीआरओ अहमद अजीम कहते हैं कि अभी पूरे मामले पर निर्णय लेना कठिन है। वो कहते हैं, "हॉस्टल में सामाजिक दूरी बनाए रखना मुश्किल भरा है। अभी प्रोफेसरों और वीसी के साथ बैठक चल रही है। हमने देखा है कि कैसे कई राज्यों में फिर से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बड़ी तादात में कोरोना संक्रमित की संख्या मिलने की वजह से शैक्षणिक संस्थानों को बंद करना पड़ा है।" आगे वो कहते हैं, "कैंपस खुलने से बड़ी तादात में छात्रों का आना होगा और सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करना मुश्किल हो सकता है। छात्रों के सेहत और पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए संस्थान आगे फैसला लेगी।"

यूनिवर्सिटी से जुड़े सूत्रों का ये भी कहना है कि देशभर के किसान दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं। ऐसे में यदि कैंपस खुलता है तो फिर से विभिन्न सक्रिय छात्र संगठन किसानों के समर्थन में आंदोलन कर सकते हैं। गौरतलब है कि बीते साल सीएए और एनआरसी के खिलाफ कई दिनों तक जामिया के छात्रों ने केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन किया था। हालांकि, आउटलुक से बातचीत में अहमद अजीम इस बात से इंकार करते हैं। उनका कहना है कि सभी छात्र हैं। इसलिए ये कहना अभी ठीक नहीं होगा कि किन छात्र संगठनों का क्या नजरिया है।

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TAGS: Jamia Millia Islamia, Students demand reopen campus, Covid Cases, Mumbai, Maharashtra, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, छात्रों ने की कैंपस खोलने की मांग, कोरोना के बढ़ते मामले चिंताजनक, Neeraj Jha, नीरज झा
OUTLOOK 17 February, 2021
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