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23 March 2015

धर्मांतरण पर बहस चाहते हैं गृहमंत्री

पीटीआइ

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह अल्पसंख्यकों की पू्र्ण रक्षा का संकल्प लेते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या धर्मांतरण में संलिप्त हुए बिना लोगों की सेवा नहीं की जा सकती? सिंह ने कहा, घर वापसी और धर्मांतरण के बारे में कभी-कभी अफवाहें फैलती हैं और विवाद होते हैं। किसी भी प्रकार का धर्मांतरण होना ही क्यों चाहिए?

उन्होंने कहा, अन्य देशों में अल्पसंख्यक समुदाय धर्मांतरण विरोधी कानून की मांग करते हैं। यहां, हम केवल यह कह रहे हैं कि धर्मांतरण विरोधी कानून के मुद्दे पर बहस होनी चाहिए। हमें धर्मांतरण विरोधी कानून लाने पर विचार करना चाहिए। मैं आप सब से निवेदन करता हूं कि आप इस विषय पर सोचें।

राजनाथ सिंह ने राज्य अल्पसंख्यक आयोगों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस सम्मेलन में विभिन्न अल्पसंख्यक समुदायों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। गृह मंत्री ने ऐसे समय पर यह बयान दिया है जब हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा शुरू की गई धर्मांतरण विरोधी मुहिम और मदर टेरेसा के बारे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के बयानों को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। राजनाथ सिंह ने कहा, हम धर्मांतरण किए बिना लोगों की सेवा क्यों नहीं कर सकते? जो लोगों की सेवा करना चाहते हैं, उन्हें यह काम धर्मांतरण में संलिप्त हुए बिना करना चाहिए। क्या हम इस समस्या का समाधान नहीं खोज सकते?

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उन्होंने कहा,  यह मुद्दा संसद में भी उठाया गया था। कई लोगों ने कहा कि सरकार को इस बारे में कुछ करना चाहिए लेकिन मुझे लगता है कि इस मामले में समाज की भी भूमिका है। समाज की भी जिम्मेदारी है। क्या हम एक-दूसरे की आस्था का सम्मान करते हुए नहीं जी सकते? धर्मांतरण की क्या आवश्यकता है? क्या कोई धर्म धर्मांतरण में संलिप्त हुए बिना जीवित नहीं रह सकता? गृह मंत्री ने कहा कि वह सभी राज्य सरकारों से अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए हर संभव और ठोस कदम उठाने का अनुरोध करते हैं। उन्होंने कहा, मैं पूरे देश को बताना चाहता हूं कि मैं अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए कुछ भी करूंगा। मैं इसके लिए किसी भी हद तक जाउंगा। मैं भगवान की शपथ लेकर यह कहता हूं।

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TAGS: राजनाथ सिंह, गृहमंत्री, धर्मांतरण, बहस, अल्पसंख्यक, भगवा
OUTLOOK 23 March, 2015
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